रिलायंस से शुरू हुई चर्चा, अगली पीढ़ी बदल रही है भारत का कॉर्पोरेट चेहरा
Indian Economy: भारत के बड़े औद्योगिक घरानों में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है। रिलायंस, टाटा, अदाणी और महिंद्रा जैसे समूह अब अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अनंत अंबानी को न्यू एनर्जी और पेट्रोकेमिकल सेक्टर की कमान देकर इस बदलाव को फिर से चर्चा में ला दिया है।
रिलायंस ने उत्तराधिकार को पारंपरिक ढांचे से आगे बढ़ाकर एक रणनीतिक प्रक्रिया बना दिया है। आकाश अंबानी जियो, ईशा अंबानी रिटेल, और अनंत अंबानी ऊर्जा सेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अनंत की छवि धार्मिक और पारंपरिक, जबकि आकाश की ग्लोबल और कॉरपोरेट रणनीति से जुड़ी मानी जा रही है।
इससे रिलायंस भारतीय संस्कृति और वैश्विक पूंजी के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। दूसरे समूहों की बात करें तो टाटा में बोर्ड द्वारा पेशेवर चयन प्रक्रिया अपनाई गई है, जहां सायरस मिस्त्री और एन. चंद्रशेखरन जैसे लीडर आए। अदाणी समूह में नेतृत्व का स्थान पारिवारिक तरीके से तय हुआ, वहीं महिंद्रा ने चेयरमैन को परिवार से रखा और सीईओ की भूमिका पेशेवरों को दी।
वैश्विक निवेशकों की नजर में टाटा सबसे पारदर्शी है, जबकि रिलायंस ने भी उत्तराधिकार को सार्वजनिक बनाकर भरोसा बढ़ाया है। महिंद्रा का मॉडल संतुलित माना जाता है, वहीं अदाणी समूह को पारदर्शिता बढ़ाने की जरूरत बताई जा रही है।