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ऐसे बनाओ पोर्टफोलियो जो हर हाल में रिटर्न और सुकून दे

 

Investment Tips: आज निवेश के लिए कई तरह से सुरक्षित और असुरक्षित निवेश प्लेटफॉर्म मौजूद है। आपको इन दोनों में ही बचत का थोड़ा-थोड़ा भाग निवेश करने की जरूरत है। लेकिन इससे पहले आपको सैलरी का कुछ हिस्सा सेविंग के रूप में बचाना होगा। निवेश के अलावा भी बाकी अमाउंट को इमरजेंसी फंड के रूप में रखें।

इन स्कीम में करें निवेश
पहले हम कुछ असुरक्षित लेकिन कम जोखिम वाली स्कीम के बारे में बात करेंगे। हम बात कर रहे हैं, म्यूचुअल फंड की। म्यूचुअल फंड में आपको निवेश के लिए कई तरह के फंड ऑफर किए जाते हैं। इनमें इक्विटी से लेकर हाइब्रिड तक शामिल हैं। ये बात ध्यान देने वाली है कि म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।

म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 12 से 14 फीसदी तक रिटर्न मिल जाता है। आप इसमें एसआईपी या एकमुश्त पैसा निवेश कर सकते हैं। आज आप कुछ फंड को 100 रुपये के निवेश के साथ भी शुरू कर सकते हैं। इस निवेश रकम को आप समय के साथ बढ़ा सकते हैं।

ज्यादा जोखिम उठाने पर मिलेगा ज्यादा मुनाफा
ध्यान रहे- ज्यादा मुनाफा चाहेंगे तो थोड़ा ज्यादा जोखिम उठाना पड़ेगा। अगर आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं, तो आप थोड़ा ज्यादा शेयरों में निवेश कर सकते हैं। 

इसे एग्रेसिव पोर्टफोलियो कहते हैं। अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते तो FD, बॉन्ड्स या म्यूचुअल फंड्स जैसे ऑप्शन पर ध्यान दें। यह एक कन्सर्वटिव पोर्टफोलियो होगा. आपका पोर्टफोलियो आपकी जरूरतों, लक्ष्य और मन की शांति - तीनों के हिसाब से होना चाहिए।


निवेश की शुरूआत में एसेट एलोकेशन सबसे ज्यादा जरूरी
जब आप अपने पैसे को निवेश करना शुरू करते हैं, तो सबसे जरूरी चीज होती है – एसेट एलोकेशन यानी आपका पैसा किस-किस जगह लगाया गया है. एक अच्छा पोर्टफोलियो सिर्फ शेयरों (स्टॉक्स) में ही नहीं होता, बल्कि उसमें अलग-अलग तरह की चीजें शामिल होती हैं । जैसे कि बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स, ईटीएफ्स (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स), थोड़ा कैश और कभी-कभी गोल्ड या रियल एस्टेट भी।हर निवेश का अपना एक जोखिम और रिटर्न होता है। 

कुछ निवेश तेजी से बढ़ सकते हैं लेकिन उनमें गिरावट का खतरा भी ज्यादा होता है (जैसे शेयर मार्केट), वहीं कुछ निवेश सुरक्षित होते हैं लेकिन उनका रिटर्न थोड़ा कम होता है (जैसे बॉन्ड्स या फिक्स्ड डिपॉजिट). इसलिए ये जरूरी है कि आप अपने पैसे को सिर्फ एक जगह ना लगाएं, बल्कि अलग-अलग जगहों पर बांटें. इसे ही कहते हैं। विविधता लाना यानी डाइवर्सिफाई करना. जब आप ऐसा करते हैं, तो अगर किसी एक निवेश में नुकसान भी होता है, तो बाकी निवेश उस नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. इससे आपका कुल जोखिम कम होता है और आपका निवेश ज्यादा संतुलित और सुरक्षित बनता है।