iron and cement prices:आम लोगों के लिए घर बनाना हुआ महंगा, लोहे व सीमेंट के दामों में इजाफा
आम लोगों के लिए घर बनाना हुआ महंगा, लोहे व सीमेंट के दामों में इजाफा
iron and cement prices:लाेगों के लिए अपने लिए घर बनाना एक सपना होता है। अब इस सपने को पूरा करना आम लोगों के लिए बहुत ही मुश्किल होने वाला है। लोहे तथा सीमेंट की कीमतें बढ़ने से घर बनाने की लागत भी बढ़ गई है। ऐसे में आम लोगों के लिए घर बनाना बहुत ही मुश्किल भरा काम हो गया है।
यदि हम लोहे की बात करें तो इसमें 4 हजार रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हो गई है, वहीं सीमेंट भी 30-40 रुपये प्रति कट्टा महंगा हो गया है। ऐसे में घर बनाने की लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।
पिछले कुछ दिनों में एकाएक लोहे की कीमतें बढ़ गई हैं।
वहीं सीमेंट बनाने वाली कंपनियों ने भी इसके दामों में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी। लोहे के दामों में वृद्धि का कारण अमेरिका से लेकर भारत की नीतियां भी है। सीमेंट महंगा करना भारतीय कंपनियों की सोची-समझी चाल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार के कारण भारत सरकार ने लोहे के आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी प्रस्तावित की है।
इस कारण लोहे के दाम बढ़ने लगे हैं। 12 मार्च के बाद से लगातार लोहे के दाम बढ़ रहे हैं। मार्च महीने में सरकार ने घोषणा की थी कि लोहे के आयात पर 12 प्रतिशत सेफगार्ड ड्यूटी लग सकती है। ऐसे में तभी से लोहे के दामों में इजाफा होने लग गया। 12 मार्च के बाद से अब तक लोहे के दामों में 4 हजार रुपये प्रति टन का इजाफा हो चुका है। इंदौर में इस समय सरिया 51 हजार से लेकर 53 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा है। इसके अलावा इस पर जीएसटी अलग से लगता है। सरिया कारोबारियों का कहना है कि ऐसे में ग्राहक बाजार से दूर होने लग गए हैं। हर बार मानसून के आने से पहले निर्माण के कार्यों में तेजी देखी जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।
सीमेंट के दामों में भी हुई वृद्धि
वहीं सीमेंट के दामों में भी 30 से 40 रुपये प्रति कट्टा वृद्धि हो गई है। इंदौर में 333 से लेकर 340 रुपये में सीमेंट का कट्टा मिलता था, जो अब 360 व 370 रुपये में मिल रहा है। ऐसे में अब निर्माण कार्य बहुत महंगे हो गए हैं। एक निर्माण कंपनी के मैनेजर ने बताया कि यदि आप कोई घर बनाते हैं तो उसमें कुल लागत का 30 प्रतिशत हिस्सा सीमेंट व लोहे पर खर्च होता है। ऐसे में सीमेंट व लोहे के दाम बढ़ने से निर्माण कार्य काफी महंगा हो गया है। दोनों के दाम बढ़ने का असर बाजार में घटती बिक्री पर साफ देखा जा सकता है।