Movie prime

अमेरिका की नजर भारत के अमीर किसानों पर, जानें इससे देश को क्या मिलेगा?

 

Indian Farmers: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं में कृषि एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अमेरिका चाहता है कि भारत उसके कृषि और डेयरी उत्पादों को अपने बाजार में खुलकर प्रवेश दे, जबकि भारत इस पर सतर्क है और अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करना चाहता।

अमेरिका में किसानों की संख्या तो कम है, लेकिन उनकी आमदनी काफी ज्यादा होती है। वहां के एक किसान की औसत पारिवारिक आय करीब 97,984 डॉलर है, जो सामान्य अमेरिकी परिवार की तुलना में भी अधिक है। इसका बड़ा कारण है अमेरिकी सरकार की सीधी वित्तीय मदद।

वहां किसानों को भारत की तरह खाद, पानी या बिजली पर सब्सिडी नहीं दी जाती, न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की जाती है। इसके बजाय, सरकार सीधे उनके खातों में भुगतान करती है। अमेरिका में "प्राइस लॉस कवरेज (PLC)" और "एग्रीकल्चर रिस्क कवरेज (ARC)" जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए अगर फसलों की कीमतें या किसानों की आय तय सीमा से कम हो जाती है, तो उन्हें मुआवज़ा दिया जाता है।डेयरी किसानों को भी "डेयरी मार्जिन कवरेज" योजना के तहत समर्थन मिलता है, ताकि दूध की कीमत और चारे की लागत के अंतर को संतुलित किया जा सके।

भारत में किसानों को उर्वरक, बिजली और पानी पर सब्सिडी मिलती है और सरकार एमएसपी के तहत फसलें भी खरीदती है। यही कारण है कि भारत अमेरिका को खुली छूट देने से बच रहा है, क्योंकि इससे देश के किसानों को असमान मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।