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GDP के बाद GST कलेक्शन में भी उछाल, जानिए मई में सरकारी खजाने में आए कितने रुपये

 

GST Cllection:  नए महीने की शुरुआत के साथ ही देश के लिए अच्‍छी खबर आई है। मई महीने के दौरान जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) में शानदार बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के साथ जीएसटी कलेक्‍शन रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है। रविवार (1 जून) को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जीएसटी कलेक्‍शन मई में 16.4 फीसदी बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। इससे पहले, अप्रैल 2025 में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये के अपने अबतक के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। एक साल पहले मई, 2024 में जीएसटी कलेक्शन 1,72,739 करोड़ रुपये रहा था।

मई में घरेलू लेनदेन से कुल जीएसटी रेवेन्यू 13.7 फीसदी बढ़कर लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से जीएसटी कलेक्शन 25.2 फीसदी बढ़कर 51,266 करोड़ रुपये रहा मई में कुल सेंट्रल जीएसटी (CGST)  रेवेन्यू 35,434 करोड़ रुपये,  स्टेट जीएसटी (SGST) रेवेन्यू 43,902 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) कलेक्शन लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये रहा। सेस से रेवेन्यू 12,879 करोड़ रुपये रहा।

35,434 करोड़ रुपये रहा केंद्रीय जीएसटी राजस्व
मई में कुल केंद्रीय जीएसटी राजस्व 35,434 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी राजस्व 43,902 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी संग्रह लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये रहा।

उपकर से राजस्व 12,879 करोड़ रुपये रहा। मई, 2024 में जीएसटी संग्रह 1,72,739 करोड़ रुपये रहा था। इस बीच, महीने के दौरान कुल रिफंड चार प्रतिशत घटकर 27,210 करोड़ रुपये रह गया। माह के दौरान शुद्ध जीएसटी संग्रह 20.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ लगभग 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा।

राज्यों में अलग-अलग रफ्तार
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एम.एस. मणि ने बताया कि GST कलेक्शन की रफ्तार हर राज्य में एक जैसी नहीं है। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में 17 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई। लेकिन गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में ये बढ़ोतरी सिर्फ 6 फीसदी के आसपास रही।

मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में 10 फीसदी की औसत बढ़ोतरी हुई। मणि का कहना है कि पूरे देश का औसत हर जगह एक जैसा नहीं दिख रहा। इसके पीछे उद्योगों या मौसमी वजहें हो सकती हैं, जिन्हें समझने के लिए डेटा की गहरी छानबीन जरूरी है।मई में रिफंड 4 फीसदी घटकर 27,210 करोड़ रुपये रहा।

इसके बाद नेट GST कलेक्शन 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 20.4 फीसदी ज्यादा है। ये आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था में तेजी है और लोग टैक्स नियमों का पालन ज्यादा कर रहे हैं। जानकार मानते हैं कि GST की ये रफ्तार सरकार को अपने वित्तीय लक्ष्य पाने में बड़ी मदद देगी।