बड़ी इलायची में कारोबारियों को ब्याज भाड़ा लगाकर 300 रुपए प्रति किलो का घाटा
बड़ी इलायची में पिछले एक माह के अंतराल भारी गिरावट के बाद दूसरे -देशों से पड़ते महंगे हो गए हैं। अब नेपाल से आज की तारीख में चले हुए माल 55/60 रुपए ऊंचे पड़ रहे है ।
भूटान बॉर्डर गंगटोक सिलीगुड़ी लाइन से भी माल पिछले 10 दिनों से कम आ रहा है, जिस कारण सटोरिए भी माल - पकड़ने लगे हैं। अतः वर्तमान भाव में एक बार खरीद करना चाहिए, क्योंकि 100 रुपए प्रति किलो की तेजी शीघ्र लग रही है।
बड़ी इलायची में पिछले साल के माल काफी ऊंचे भाव के स्टॉक में थे, जो औने-पौने भाव में कट गए हैं। कुछ माल पड़े हैं, जो कारोबारियों को ब्याज भाड़ा लगाकर 300 रुपए प्रति किलो का घाटा लग रहा है।
इसका मुख्य कारण यह है कि इस वर्ष फसल आने पर पुराना स्टॉक अधिक होने से बाजार ऊपर के भाव से लगातार टूटता गया तथा इस समय घटकर यहां 1530 रुपए प्रति किलो भाव रह गए हैं, हल्के माल 1510/1520 रुपए भी बोल रहे हैं। ग्वालियर में भाव 1440 रुपए रह गया है तथा पहले की अपेक्षा सट्टेबाजी अब कम हो रही है, जो सौदे फॉरवर्ड के खड़े हैं, उसके सेटलमेंट एवं डिलीवरी का काम चल रहा है।
गौरतलब है कि जितना माल स्टॉक में है उससे ज्यादा आगे का बिका हुआ है, इन परिस्थितियों में अब यहां से लाभ मिलने के संकेत मिल रहे हैं। स्टॉकिस्टों द्वारा सीजन के शुरुआत में ही प्रतिस्पर्धात्मक खरीद कर दी गई थी, जिससे 1400 रुपए प्रति किलो नीचे में बिकने के बाद 1700 रुपए तक ऊपर में भाव बन गए थे।
चालू वर्ष में घटते घटते 200 नीचे आ गया है, अब यहां से पड़ते में माल नहीं मिल रहा है, जिससे बाजार में जोखिम नहीं है। अतः माल खरीदना चाहिए। ग्वालियर में कुछ मिली भगत से बड़े सटोरियों द्वारा बाजार को तोड़कर पानी-पानी कर दिया गया, क्योंकि काफी माल वायदा में फरवरी से लेकर 15 मई तक बिका हुआ था।
यही कारण है कि यहां भी अप्रैल के शुरुआत में 1640 रुपए प्रति किलो बिकने के बाद पिछले सप्ताह 1480 रुपए प्रति किलो भाव रह गए थे तथा अब क्वालिटी के अनुसार 1510/1540 रुपए के बीच व्यापार हो रहा है। अब सटोरियों का माल लगभग निपट चुका है तथा बड़ी इलायची में घरेलू मांग 3 महीने तक रहेगी। हम मानते हैं कि पाकिस्तान विवाद से बड़ी इलायची के निर्यात व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, क्योंकि अधिकतर खाड़ी के देशों में हमारे यहां से निर्यात होता है।
इससे जो आज भाव नीचे में बोल रहे हैं, इसमें अब और घटने की गुंजाइश नहीं है। वर्तमान में नेपाल भूटान बॉर्डर सख्ती होने से माल कमरहा है, यहां केवल वर्तमान में रुपए की चौतरफा तंगी होने से हाजिर व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, आगे के सौदे जून के सस्ते नहीं मिल रहे हैं तथा भूटान एवं नेपाल से जो सस्ता माल आ रहा था, वह हेरा फेरी वाला आना बंद हो गया है क्योंकि पाकिस्तान से तनाव के चलते सभी बॉर्डर पर जबरदस्त सख्ती चल।