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saraswati rivar:हरियाणा ,राजस्थान में सरस्वती नदी बनेगी सिंचाई का माध्यम, राजस्थान सरकार,हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड मिलकर करेंगे प्लान तैयार

हरियाणा ,राजस्थान में सरस्वती नदी बनेगी सिंचाई का माध्यम, राजस्थान सरकार,हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड मिलकर करेंगे प्लान तैयार
 
Saraswati river:हरियाणा और राजस्थान रेगिस्तान में सरस्वती नदी सिंचाई का माध्यम बनेगी। राबी ब्यास सतलुज के पानी से राजस्थान की धरती को पानी मिलेगा। हरियाणा और राजस्थान सरकार मिलकर सिंचाई का एक्शन प्लान तैयार करेंगे। दोनों सरकारों की हरी झंडी मिलते ही सरस्वती नदी की खुदाई पर काम शुरू किया जाएगा।

आदि बद्री से निकालकर राजस्थान पंजाब हरियाणा से होते हुए गुजरात के कच्छ में समाहित होने वाली सरस्वती नदी की पहचान वापस लौटने वाली है।

सरस्वती हेरिटेज बोर्ड हरियाणा के अध्यक्ष सरस्वती को पुनर्जीवित करने की कवायद में जुटे हुए हैं।


इसी बात को लेकर बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर में राजस्थान सरकार और हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के बीच बैठक भी हो रही है।


इस हो रही बैठक में राजस्थान के सिंचाई मंत्री श्री सुरेश रावत और हरियाणा सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमल सिंह किरमिच मौजूद रहे हैं ।दोनों प्रदेश की सरकारों ने सरस्वती को पुनर्जीवित करने पर प्रतिबद्धता जताई।

हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड(Haryana Saraswati heritage board) के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच ने बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर में आयोजित हुई बैठक में राजस्थान के सिंचाई मंत्री सुरेश रावत को अवगत कराया कि बोर्ड द्वारा 400 किलोमीटर तक पानी प्रवाहित किया गया है। सरस्वती के पुनर्द्धार के लिए हरियाणा की नायब सरकार (Haryana Nayab Sarkar)पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर (vigyan anusandhan Sansthan Jaipur)के सुदूर संवेदन विभाग प्रमुख डॉ. महावीर पूनिया, इसरो के सेवानिवृत्त डायरेक्टर डॉ. जेआर शर्मा, डॉ. बीके भद्रा, बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महावीर पूनिया, डॉ. सुलतान सिंह, प्रोफेसर एचएस शर्मा, सीजीडब्ल्यूबी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एससी धीमान मौजूद रहे।