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 कभी 0001 नंबर 14 लाख रुपये में बिका था, लेकिन अब यह केवल इतने रुपये में ही नीलाम हो गया

 

 लोगों में वीआईपी नंबर का बहुत ज्यादा क्रेज था। जितने रुपये की गाड़ी नहीं होती थी, उतने रुपये का नंबर बिक जाता था। कभी 0001 नंबर 14 लाख रुपये में बिका था, लेकिन अब यह केवल एक लाख रुपये में ही नीलाम हो गया। 


पहले की तरह अब वीआईपी गाड़ी नंबर अब लोगों के दिलों से उतरते जा रहे हैं। लगातार दूसरी बार वीआईपी नंबर 0001 बिना किसी झंझट या बोलीदाता के मात्र एक लाख रुपये के बेस प्राइस में ही बिक गया। इस नंबर को खरीदने के लिए केवल एक ही आवेदन आया था, दूसरा किसी का भी आवेदन नहीं आया। ऐसे में किसी से कोई प्रतियोगिता ही नहीं हुई। कभी यह नंबर 14 लाख रुपये में बिका करता था। उस समय इसका आकर्षण ही इतना अ​धिक था कि अनेक लोग इसके लिए आवेदन करते थे, लेकिन अब वह समय नहीं रहा। अब इस नंबर को लेने वाला कोई दूसरा भी नहीं आ रहा।


54 नंबरों में से केवल 5 पर ही लगी बोली
नई सीरिज शुरू होने के बाद विभाग ने सोचा कि वीआईपी नंबर को बेचकर काफी मोटा पैसा बनाया जाएगा। विभाग ने कुल 54 वीआईपी नंबरों को बोली के लिए रखा था। इनमें से केवल 5 नंबरों पर ही बोलीदाताओं ने कुछ उत्साह दिया, बाकी सभी नंबरों के लिए कोई बोली नहीं लगी। इसलिए उनको बेस प्राइस में ही बेच दिया गया। बोली लगने से पहले उम्मीद थी कि वीआईपी नंबर 0001 के कई दावेदार होंगे और काफी ऊंची कीमत पर यह नंबर बिकेगा, लेकिन कोई भी दूसरा प्रतियोगी नहीं आने के कारण इस नंबर को बेस प्राइस एक लाख रुपये में बेचना पड़ा। 


पिछले वर्ष वीआईपी नंबरों से आए थे 11 करोड़ रुपये
जिला परिवहन अ​धिकारी ने बताया कि इस सप्ताह वीआईपी नंबरों की नीलामी समाप्त हुई है। इसमें कुल 54 वीआईपी नंबर बेचे गए। इनमें से केवल 0009, 7777, 8888, 4141 और 0013 पर ही बोली लगी। 0001 पर सोच रहे थे कि सबसे ज्यादा बोली लगेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह नंबर बेस प्राइस में ही बिक गया। सबसे ज्यादा आवेदन 0013 पर आए थे। पिछले वर्ष नंबरों की नीलामी से 11 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। 


कभी 0001 नंबर बिका था 14 लाख रुपये में
परिवहन विभाग ने जब 2016 में वीआईपी नंबरों की नीलामी की तो इंदौर का सबसे महंगा नंबर MP-09 CU-0001 था, जो 14.01 लाख रुपये में बिका था। अगले साल फिर यह नंबर 12.5 लाख रुपये में बिका। अभी सभी गाड़ियों के लिए एक ही सीरिज का सिस्टम शुरू कर दिया गया है और हर सप्ताह नीलामी की जाती है। अब जल्द ही सीरिज खत्म हो जाती है। इसी कारण 0001 नंबर जल्द नीलामी में आ जाते हैं। इसलिए लोग अब इन नंबरों की तरफ ज्यादा रचि नहीं दिखा रहे हैं।