अब 3 हजार सालाना पास बनवाओ, लाइफटाइम किसी भी टोल से गुजरो
केंद्र सरकार ने नई टोल नीति तैयार कर ली है। यह कभी भी लागू की जा सकती है। इसके तहत सबसे बड़ी राहत यह होगी कि कोई भी आम आदमी तीन हजार रुपये वार्षिक का पास बनवाकर पूरे देश में कहीं भी टोल पर फ्री जा सकता है। इसमें किलोमीटर की कोई सीमा नहीं है। इससे पहले लाइफटाइम पास के रुप में 30 हजार रुपये 15 वर्ष के लिए वैध करने की योजना थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई थी।
नई टोल नीति के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों व एक्सप्रेस-वे पर टोल संबंधी समस्याओं का हल करने की योजना है। नई टोल नीति में 50 प्रतिशत तक राहत देने के साथ लोगों को वार्षिक फीस जमा करवाकर असीमित पास देने की योजना है। इसमें यदि कोई तीन हजार रुपये वार्षिक खर्च करके पूरे देश में असीमित समय के लिए पास बनवाना चाहता है, उसके लिए यह योजना तैयार की गई है। नई टोल नीति में लोगों को काफी रियायत देने का नियम बनाया गया है। फिलहाल यह नीति तैयार की गई है, लेकिन अभी लागू नहीं की गई है। जल्द ही इसके लागू होने की घोषणा की जा सकती है।
फास्टैग के जरिए ही अदा होगा शुल्क
यदि आप वार्षिक पास बनवाने के इच्छुक हैं तो इसमें आपको अलग से पैसे देने की जरूरत नहीं है बल्कि यह आपके फास्टैग अकाउंट से ही अदा किया जा सकता है। नई टोल नीति टोल प्लाजा की व्यवस्था की बजाय प्रति किलोमीटर निर्धारित शुल्क पर आधारित होगी। यदि आप 100 किलोमीटर की यात्रा करते हैं तो आपको 50 रुपये का टोल शुल्क देना होगा। फिलहाल वाहन चालकों के लिए मासिक पास जारी किए जाते हैं, लेकिन नई नीति के तहत वार्षिक पास का भी प्रावधान किया गया है। इसमें 3 हजार रुपये वार्षिक पास बनवाकर आप असीमित किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं। ऐसे में किसी भी एक्सप्रेस-वे अथवा हाईवे पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
वाहनों का होगा डिजिटल रिकार्ड
पुरानी नीति में सबसे बड़ी अड़चन कंसेसनरों और कांट्रैक्टरों के मौजूदा अनुबंध थे। इसमें इस तरह की सुविधा का कोई प्रावधान नहीं था। इनकी आपत्तियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय क्षति की भरपाई करने में सहमत हो गया है। इसका सीधा मतलब है कि कंसेसनायर अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का डिटिजल रिकार्ड रखेंगे। ऐसे में वसूली में जो अंतर होगा, उसकी भरपाई एक फार्मूले के तहत सरकार की ओर से भरपाई जाएगी। अलग-अलग वाहनों की आयु सीमा और बैंकों की हिचक के कारण सरकार ने अब नई नीति के तहत आजीवन पास जारी करने का विचार छोड़ दिया है। इसपर सहमति नहीं बन पाई थी। इसलिए अब वार्षिक पास का फार्मूला निकाला गया है।