Mandideep news: हॉकी और खो-खो में खुद की दम पर नेशनल तक पहुंचे मंडीदीप के खिलाड़ी
Mandideep news: मंडीदीप के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के बल पर शहर का नाम रोशन करने का काम कर रहे हैं।
हॉकी और खो-खो में उद्योग नगरी के खिलाड़ियों का जिले के साथ प्रदेश में भी दबदबा है। यहां की बेटियां न सिर्फ राज्य का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, बल्कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी जगह बना चुकी हैं। नगर में न तो खेल मैदान है, न ही संसाधन। लड़कियां अपनी मेहनत के दम पर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयनित हो रही हैं। खो-खो प्रशिक्षक निर्मल यादव बताते हैं कि 10 साल में नगर के 15 खिलाड़ी नेशनल खेल चुके हैं। इनमें मित्रमणि, शिव कुमार कलश, ऋषभ यादव, विवेक भदोरिया, रजत करोसिया, नीतू चौरे, महिमा, कनक जया, मयंक मिश्रा, प्रीतेश तिवारी, लक्ष्मी गिरी आदि खिलाड़ी शामिल हैं। नगर में 7 साल पहले खो-खो का नेशनल टूर्नामेंट कराने के बाद से लड़कियों और अभिभावकों में काफी जागरूकता आई है।
नगर बन रहा हॉकी की नर्सरी
ग्वालियर हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण पा रहीं सोनिया कुमरे, पूजा कोरी, वर्षा, शिवानी और रेणु यादव के साथ टाटा अकादमी भुवनेश्वर में ट्रेनिंग ले रही अस्मिता भवरे का कहना है कि यदि खिलाड़ियों को खेल मैदान सहित अन्य सुविधाएं मिलें तो वे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। 14 साल पहले शुरू हुए हॉकी फीडर सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि उद्योग नगरी अब हॉकी की नर्सरी बनती जा रही है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के जिलाधिकारी जलज चतुर्वेदी बताते हैं कि 120 इंटरनेशनल और सैकड़ों स्टेट हॉकी प्लेयर देने वाली उद्योग नगरी अब खेलों की नगरी के रूप में पहचानी जाने लगी है। यहां की 29 बालिकाएं एवं 20 बालक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर के 51 गोल्ड मेडल भी जीते हैं। इनमें लड़कों ने 22 और लड़कियों ने 29 मेडल जीते हैं।