युद्ध में हताहत हुए सैनिक, अर्ध सैनिक का आश्रित शाहिद के पद के आधार पर ग्रुप-बी, सी या डी पदों में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे
युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए सरकार की नीति में छूट देने को मंजूरी दी गई है। संशोधन के अनुसार, युद्ध में हताहत हुए सैनिक, अर्ध सैनिक का आश्रित मृतक के पद के आधार पर ग्रुप-बी, सी या डी पदों में नियुक्ति के लिए पात्र होगा। बशर्ते कि नीति के शुरू होने के तीन साल के अंदर आवेदन किया हो।
सरकार को युद्ध में हताहत हुए लोगों के कई आश्रितों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, जो तय तीन साल की अवधि में आवेदन नहीं कर सके। जिससे उनके मामले मौजूदा मानदंडों से बाहर हो गए। सैनिकों के परिवारों के कल्याण व पुनर्वास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने नीति में छूट को मंजूरी दी है।
इससे सस्कार ने सात ऐसे आवेदनों को मंजूर कर अनुकंपा नियुक्ति दी है। कैबिनेट ने एचएसएससी के अध्यक्ष को अब गोपनीय सेवाओं के लिए खर्च करने का अधिकार दिया गया है। कन्या महाविद्यालय, खरखौदा के अधिग्रहण से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब सरकार इसकी जिम्मेदारी संभालेगी। कैबिनेट ने भविष्य विभाग की स्थापना को मंजूरी दी है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो,हरियाणा करने की मंजूरी दी है। राइट टू सर्विस में अब पीड़ित के आवेदन पर कोर्ट में केस जाता है तो अधिकारी बच नहीं सकेगा। यदि आवेदन से पहले केस कोर्ट में जा चुका है तो समय पर काम न होने की छूट रहेगी। आवेदन के बाद कोर्ट या कहीं अपील में मामला जाता है तो राइट टू सर्विस कमीशन कार्यवाही कर सकेगा। कैबिनेट ने कमीशन को यह पावर दे दी है।