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मानसून अपडेट: तीन-चार दिनों में मौसमी गतिविधियों में होने वाला है बड़ा परिवर्तन, कभी भी सक्रिय हो सकता है मानसून

तीन-चार दिनों में मौसमी गतिविधियों में होने वाला है बड़ा परिवर्तन, कभी भी सक्रिय हो सकता है मानसून
 

अरब सागर और बंगाल की

खाड़ी में मौसम की स्थितियां मानसून के अनुकूल बनी हुई हैं। समुद्र से बड़ी मात्रा में नमी लेकर चक्रवाती हवा स्थल की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। मानसून भी पूरा अंडमान निकोबार और आधा श्रीलंका को पार कर उत्तर की ओर बढ़ चुका है। स्पष्ट है कि मानसून केरल से अब ज्यादा दूर नहीं रह गया है।

भारत मौसम विभाग (आइएमडी) ने 27 मई को केरल तट पर मानसून के पहुंच जाने की घोषणा पहले से ही कर रखी है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह दो-तीन दिन पहले भी दस्तक दे सकता है। पिछले वर्ष भी घोषित तिथि से दो दिन पहले ही मानसून का केरल में आगमन हुआ था।

आइएमडी महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने भी मानसून के पहले पहुंचने का संकेत दिया है। तीन-चार दिनों में मौसमी गतिविधियों में बड़ा परिवर्तन आने वाला है। बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है। अरब सागर में बड़ी हलचल है। कम दबाव का एक मजबूत क्षेत्र बना हुआ है जो एक-दो दिनों में चक्रवात में तब्दील हो सकता है। इसके सहारे मानसून केरल में प्रवेश कर सकता है। इसके बाद भी मानसून के तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है।


बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा में भी मानसून जल्द

बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा में भी मानसून जल्द आ सकता है। अन्य राज्यों में भी पूर्व की अनुमानित तिथियों से हफ्तेभर पहले पहुंच सकता है। अरब सागर का कम दबाव का क्षेत्र अगर तूफान में तब्दील होता है तो इससे तबाही ओमान में होगी, लेकिन भारत के तटीय हिस्से में केरल से लेकर महाराष्ट्र तक भारी बारिश होने का अनुमान है। पिछले दो दिनों से इस बड़े क्षेत्र में भारी वर्षा का संयोग बना हुआ है।

अभी देश में दो तरह की मौसमी स्थितियां सक्रिय हैं। दक्षिण में प्रचंड बारिश और उत्तर में गर्मी है। अंडमान निकोबार में 24 मई से बारिश का नया दौर शुरू होने वाला है। बंगाल की खाड़ी में मजबूत हो रही चक्रवाती हवाओं के असर से दक्षिण के राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा होने का अनुमान है।

उत्तर भारत का मौसम अगले तीन से चार दिनों तक शुष्क रहेगा। हालांकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं बादलों का आना-जाना लगा रह सकता है। हल्की वर्षा भी हो सकती है। पश्चिम में पाकिस्तान में चक्रवात की स्थिति बनी हुई है। इससे जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों पर हल्की से मध्यम वर्षा होगी। बिहार के तराई क्षेत्र एवं झारखंड में हल्की बारिश संभव है।