दक्षिण -पश्चिम मानसून की गतिविधियां समय से पहले शुरू, कृषि, अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत
मानसून की गतिविधियां समय से पहले शुरू हो गई हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी गति और दिशा के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 27 मई तक केरल पहुंच सकता है, जबकि सामान्यतः इसकी शुरुआत 1 जून को होती है। पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीप समूह और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से और अंडमान सागर में तेज पश्चिमी हवाओं का दबदबा है, जो समुद्र तल से 1.5 से लेकर 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक सक्रिय हैं। हवाओं की गति 20 मील प्रति घंटे से अधिक मापी गई है। इसके साथ ही क्षेत्र में आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) में कमी देखी गई है जो मानसून की सक्रियता का एक अहम संकेतक है।
आगे क्या है अनुमान : मौसम विभाग के
अनुसार आने वाले 3-4 दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, और बंगाल की खाड़ी के अन्य हिस्सों में भी मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल स्थितियां बन रही हैं। विशेषकर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अगले 24 घंटों के भीतर अत्यंत भारी वर्षा की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में 204 मिमी या इससे अधिक बारिश हो सकती है।
केरल में जल्द बारिश होना सकारात्मक संकेत : केरल में मानसून के जल्दी पहुंचने
के संकेत देश के लिए कई मायनों में शुभ हैं। अगर मानसून समय से पहले या सामान्य तिथि पर देश के अन्य हिस्सों में भी पहुंचता है तो इससे कृषि चक्र को गति मिलेगी और खेती के लिए जरूरी नमी समय रहते मिल सकेगी। इससे बुवाई का समय भी नहीं बिगड़ेगा और उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाएगी।
कृषि उत्पादन में रिकॉर्ड लक्ष्य
सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए 35.464 करोड़ टन का कृषि उत्पादन लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष (2024-25) के 34.155 करोड़ टन से लगभग 3.8% अधिक है। बेहतर और समय पर मानसून से इस लक्ष्य को हासिल करना आसान हो सकता है। यह विशेष रूप से उन किसानों के लिए राहत की खबर है जो मानसून पर निर्भर फसलों की बुवाई करते हैं।