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मध्य प्रदेश मौसम : राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के साथ मध्य प्रदेश से भी मानसून की विदाई, जाने आज आपके यहां का मौसम

 

मध्य प्रदेश के 4 जिले श्योपुर ,मुरैना, भिंड, नीमच से सबसे पहले मानसून विदा हुआ है । अगले तीन दिन में प्रदेश के 10 से अधिक के जिलों से विदाई हो सकती है।

मंडला- रीवा में 2 इंच पानी गिरा, वहीं उमरिया, सीधी, सिवनी, सतना, जबलपुर, उज्जैन और बालाघाट में हल्की बारिश दर्ज हुई।

भोपाल में तेज धूप रही इससे गर्मी और उमस का असर बना रहा। इंदौर ग्वालियर में भी मौसम साफ रहा। 

4 जिलों से मानसून लौटा है, उनमें अबकी बार 35 से 115 प्रतिशत तक बारिश ज्यादा हुई है। चंबल संभाग के श्योपुर में सामान्य 26.2 इंच के मुकाबले 56.6 इंच पानी गिर गया, जो 115 प्रतिशत अधिक है। भिंड में 32.4 इंच, मुरैना में 37 इंच और नीमच में 42.9 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश से ज्यादा है।।
अब उज्जैन-ग्वालियर संभाग से सबसे पहले विदाई चार जिलों में एक उज्जैन संभाग और तीन जिले चंबल संभाग के है। मौसम विभाग के अनुसार, अब उज्जैन और ग्वालियर संभाग से मानसून विदाई लेगा। इसके बाद इंदौर, भोपाल, सागर, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों से मानसून विदा होने लगेगा। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि आने वाले 2 से 3 दिन में मध्यप्रदेश के कुछ और जिलों से मानसून लौटने की संभावना है।

इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद मानसून प्रदेश में एंटर हुआ था। बुधवार को जिन जिलों से मानसून की विदाई हुई है, उनमें अमूमन 30 सितंबर तक ऐसा होता है। इस बार 6 दिन पहले ही यहां से मानसून लौट गया है। 6 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों से मानसून विदा हो जाता है।

हल्की बारिश का अलर्ट

प्रदेश के सभी जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश का यलो अलर्ट है।

भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिश भोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था।

इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।