इस वर्ष 22 दिसम्बर 2025 को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् होगा
उज्जैन,20 दिसंबर(इ खबर टुडे /ब्रजेश परमार)। सोमवार 22 दिसम्बर 2025 को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् होगा, जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी।22 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा एवं सूर्य की स्थिति मकर राशि में 0 अंश 39 कला एवं 20 विकला होगी। 22 दिसम्बर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना प्रारम्भ हो जाती है, जिसे सायन उत्तरायन का प्रारम्भ कहते हैं।
राजा मानसिंह द्वितीय द्वारा स्थापित देश की 4 वेधशालाओं में से एक शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा.राजेन्द्र प्रसाद गुप्त ने बताया कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण इस वर्ष सोमवार 22 दिसम्बर 2025 को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् होगा। इस दिन सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 15 विकला दक्षिण होगी। जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी।
उज्जैन में दिन 10.41 घंटे का रहेगा
श्री गुप्त के अनुसार 22 दिसम्बर को उज्जैन में सूर्योदय 7 बजकर 05 मिनट तथा सूर्यास्त 5 बजकर 46 मिनट पर होगा, जिससे 22 दिसम्बर को उज्जैन में दिन की अवधि 10 घन्टे 41 मिनट तथा रात की अवधि 13 घन्टे 19 मिनट की होगी। 22 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा एवं सूर्य की स्थिति मकर राशि में 0 अंश 39 कला एवं 20 विकला होगी।
अब दिन बडा होगा,21 मार्च को दिन-रात बराबर होंगे
22 दिसम्बर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना प्रारम्भ हो जाती है, जिसे सायन उत्तरायन का प्रारम्भ कहते हैं। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होने लगेगीं। 21 मार्च 2026 को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत् होगा। तब दिन-रात बराबर होंगे।
शंकु यंत्र पर देखा जा सकेगा
डा.गुप्त के अनुसार इस घटना को वेधशाला में शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस दिन शंकु की छाया सबसे लम्बी होकर पूरे दिवस मकर रेखा पर गमन करती हुई दृष्टिगोचर होगी। इस घटना को हम धूप होने पर ही देख सकेंगे।