3 दिन बाद नदी में कार में मिला महिला आरक्षक का शव
शनिवार रात को नाबालिग की तलाश में जा रहे उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा, एसआई मदनलाल निनामा और महिला आरक्षक आरती पाल की कार बड़े पुल से शिप्रा नदी में जा गिरी थी। थाना प्रभारी और एसआई का शव मिलने के बाद महिला आरक्षक की तलाश जारी थी तीन दिन बाद मंगलवार शाम कार के साथ ही महिला आरक्षक का शव नदी से बाहर निकाल लिया गया। बॉडी कार में ही फंसी थी।
जानकारी लगने पर आईजी उमेश जोगा, एसपी प्रदीप शर्मा मौके पर पहुंच गए थे। क्रेन की मदद से कार को बाहर निकल गया। आरती पाल का शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। आरती का पता चलने पर पिता अशोक पाल भी परिजनों के साथ शिप्रा नदी पहुंचे थे। आरती का अंतिम संस्कार बुधवार को उज्जैन में ही किया जाएगा वह मूल रूप से रतलाम की रहने वाली थी।
गोताखोरों ने 10 मिनट में लगाया पता
तीन दिनों से कार और आरती की तलाश एसडीआरएफ, एनडीआरएफ़ की टीम कर रही थी लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा था। मंगलवार शाम नदी में तैराकी की करने वाले मोहम्मद इरफान उर्फ जुम्मा और अकबर पहुंचे। उन्होंने पुलिस से कार की तलाश करने की बात कही। तीन दिनों से लगातार तलाश के बाद पुलिस ने दोनों की मदद लेने का फैसला किया और 10 मिनट में ही जुम्मा और अकबर ने कार को तलाश लिया।
रविवार को मिला था थाना प्रभारी का शव
शनिवार रात हुए हादसे के बाद रविवार सुबह थाना प्रभारी अशोक शर्मा का शव मिल गया था। सोमवार को एसआई का शव भेरूगढ़ क्षेत्र से मिला। इस दौरान कार का बंपर मिल गया था लेकिन आरती का पता नहीं चला था। तीन दिन बाद आरती की बॉडी मिली है। थाना प्रभारी और एसआई का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा चुका है।