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उज्जैन के रिश्वतखोर पटवारी को चार वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा,भेरूगढ़ जेल भेजा 

 
 

उज्जैन,29 अप्रैल (इ खबर टुडे)। उज्जैन तहसील के ग्राम मंगरोल में स्थित एक प्लाट के नामांतरण के लिए ढाई हज़ार की रिश्वत लेते रंगे  हाथो पकडे गए मांगरोल के  पटवारी  रमेश चंद बामनिया को उज्जैन के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के  विशेष न्यायाधीश ने दोषसिद्ध करार देते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में चार वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित कर भेरूगढ़ जेल भेज दिया ।

उल्लेखनीय है कि विगत  दिनांक 22जनवरी .2019 को आवेदक लाखन सिंह पवार निवासी ग्राम मंगरोला ने पुलिस अधीक्षक विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर इस आशय की शिकायत की थी  कि उसके पिता पूरन सिंह पवार के नाम से दो बिस्वा का प्लाट ग्राम मंगरोला तहसील व जिला उज्जैन में है, जिसकी रजिस्ट्री उसके पिता के नाम पर है।  उक्त प्लाट का नामांतरण राजस्व रिकॉर्ड में उसके पिता के नाम से करने हेतु वह उसके ग्राम मंगरोला के पटवारी रमेश चंद्र बामनिया से मिला तो उसके द्वारा नामांतरण करने हेतु आवेदक से  दस हज़ार रु  की मांग की गई।               
      
पुलिस अधीक्षक   ने आवेदक के आवेदन पत्र को अग्रिम कार्यवाही हेतु  शैलेंद्र सिंह ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक को दिया गया। आवेदक के आवेदन पत्र में लिखी बातों के संबंध में श्री ठाकुर द्वारा आवेदक से पूछताछ करने के बाद रिश्वत की मांग की सत्यता जानने के लिये उसे शासकीय वाईस रिकार्डर दिया तथा आवेदक को बताया कि उसकी एवं अनावेदक  रमेश चंद बामनिया पटवारी के बीच होने वाली रिश्वत की मांग संबंधी बातचीत को, गोपनीय रूप से वाईस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड करें एवं वाईस रिकार्डर वापिस कार्यालय में लाकर प्रस्तुत करें। 

आवेदक के साथ एक आरक्षक  को आवश्यक समझाईस देकर रवाना किया गया। आवेदक द्वारा रिश्वत संबंधी बातचीत को गोपनीय रूप से शासकीय वाईस रिकार्डर में रिकार्ड कर लाने के बाद श्री ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक द्वारा वाईस रिकार्डर को कार्यालयीन सील से सील चपड़ी द्वारा सीलबंद कर सुरक्षित रखा गया, तथा वस्तुस्थिति से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया गया। 

जिसके बाद विधिवत कार्यवाही करते हुये दो विज्ञप्त पंच के समक्ष प्रारम्भिक कार्यवाही करते हुए रिकार्डिंग में रिश्वत की मांग पाये जाने  पर  शून्य पर आरोपी रमेश चंद बामनिया पटवारी के विरूद्ध अपराध क्रमांक- 0/02/2019 धारा- 7 भ्र०नि०अधि० 1988 दिनांक 23.01.2019 को पंजीबद्ध किया जाकर विधिवत ट्रेप आयोजित किया गया। 
                  

उक्त दिनांक को ही कार्यवाही के दौरान आरोपी रमेश चंद बामनिया को आवेदक लाखन सिंह पवार से रिश्वत राशि 2500 रुपए प्राप्त करते हुए ट्रैप किया गया। मौके पर आरोपी का हाथ घोल में धुलाई जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया। आवेदक द्वारा मौके पर रिश्वत देते समय हुई बातचीत को भी वॉइस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड किया गया।

 मौके पर आरोपी से आवेदक से संबंधित दस्तावेज जप्त किए गए थे। एफएसएल परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलने के घोल में फिनाफ्थलीन की उपस्थिति धनात्मक पाई गई  तथा रिकॉर्ड हुई वार्ता में आरोपी की आवाज होना संभावित पाया गया था। प्रकरण की अग्रिम विवेचना  निरीक्षक दिनेश रावत तथा निरीक्षक राजेंद्र वर्मा द्वारा की गई थी तथा चालानी कार्रवाई निरीक्षक दीपक सेजवार द्वारा विशेष न्यायालय उज्जैन में की गई थी। 

जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन द्वारा आरोपी रमेश चंद बामनिया तत्कालीन पटवारी ग्राम मंगरोला को दोष सिद्ध कर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया।