Tulsi Puja Mistakes: इन 5 दिनों में भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी का पत्ता, वरना हो सकता है भारी नुकसान
Tulsi Puja Mistakes : तुलसी का पौधा हर घर में होता है. तुलसी को हिंदू धर्म में खास महत्तव दिया गया है. शास्त्रों के अनुसार तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय और लक्ष्मी जी का अवतार माना जाता है. तुलसी बहुत ही पवित्र होती है.
तुलसी का पत्ता को प्रयोग हर प्रसाद में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसी तिथियां है जिसमें तुलसी का हाथ लगाना भी पाप होता है. इन तिथियों में तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए.
रविवार
शास्त्रों में बताया गया है कि तुलसी देवी की प्रकृति चंद्रमा और शीतलता से जुड़ी हैं और रविवार सूर्य देव का दिन होता है. सूर्य और तुलसी की ऊर्जाएं बिल्कुल विपरीत होती है. एक गर्म और दूसरा ठंडा होता है. शास्त्रों के अनुसार रविवार को तुलसी विश्राम करती हैं,
इसलिए रविवार को भूलकर भी पत्ता न तोड़े. इससे तुलसा का अपमान होता है. अगर आप रविवार को तुलसी का पत्ता तोड़ते है तो इससे आपको सूर्य दोष, अहंकार, नेत्र या हृदय संबंधी रोग, और धन हानि हो सकती है.
एकादशी
हर महीने में 2 एकादशी आती है. शास्त्रों में कहा जाता है कि 11वीं तिथि को भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. तुलसी को विष्णु जी की पत्नी स्वरूपा कहा गया है. एकादशी पर तुलसी व्रत और ध्यान में रहती हैं, इसलिए उनका पत्ता तोड़ना वर्जित है.
वहीं, शास्त्रों में लिखा है- "एकादश्यां तुलसी पत्रं न ग्राह्यम्" अर्थात, एकादशी पर तुलसी पत्र ग्रहण नहीं करना चाहिए.
द्वादशी
एकादशी के अगले दिन द्वादशी को जब व्रती भगवान विष्णु को भोग अर्पित किया जाता है, इसलिए पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते से भगवान को भोग लगाया जाता है.
तुलसी इस समय व्रत से निकलकर पुनः ऊर्जा प्राप्त कर रही होती हैं. इस दिन गिरे हुए पत्तों को धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
अमावस्या
शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित है. इस दिन तामसिक प्रवृत्तियां अधिक होती हैं. तुलसी सात्त्विक ऊर्जा का प्रतीक हैं, इसलिए इस दिन उनका पत्ता तोड़ना वर्जित है.
संध्या काल
शास्त्रों में बताया गया है कि शाम को तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. तुलसी की पूजा सूर्योदय से दोपहर तक करना शुभ होता है. संध्या समय तुलसी विश्राम करती हैं, इसलिए सूर्यास्त के बाद उनका पत्ता तोड़ना अशुभ है.
तुलसी पत्ता तोड़ने के सही नियम
- तुलसी का पत्ता तोड़ने के लिए हमेशा दाहिने हाथ का इस्तेमाल करें और अपने नाखून का प्रयोग न करें.
- तुलसी का पत्ता ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय के बाद स्नान करके शुद्ध मन से तोड़ें.