दिल्ली-मथुरा-कोटा से आने वाली ट्रेनों का समय बचेंगा ,13.70 किमी की नागदा-बायपास लाइन बनेगी
रेल मंत्रालय ने 13.70 किमी लंबी नागदा बायपास लाइन को मंजूरी दे दी है। रोहल खुर्द से भाटीसूड़ा के बीच बनने वाली इस नई रेल लाइन के बनने से दिल्ली-मथुरा-कोटा दिशा से उज्जैन-इंदौर की ओर जाने वाली ट्रेनों को नागदा में इंजन बदलने (रिवर्सल) की झंझट से मुक्ति मिलेगी और यात्रियों के 30 मिनट से 2 घंटे तक बचेंगे।
रूट छोटा होने से इसका फायदा इंदौर-उज्जैन के यात्रियों को भी मिलेगा। वे करीब आधे घंटे जल्दी आ-जा सकेंगे। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 390.36 करोड़ रुपए है। नागदा जंक्शन से उज्जैन 55 किमी दूर है। उज्जैन सिंहस्थ मेले के दौरान लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
18 माह में काम पूरा करने का लक्ष्य
नवीन स्वीकृत बायपास लाइन के बनने से दिल्ली से उज्जैन, इंदौर तक सीधा रेल संचालन संभव होगा, जिससे यात्रा समय में कमी, संचालन में सुविधा होगी।
इस रूट के बन जाने से ट्रेनें जल्दी और स्पीड से चलेंगी।
इस नई रेल लाइन का काम 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह मांग 15 साल से भी ज्यादा पुरानी, अब जाकर पूरी हो रही
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह निर्णय काफी अच्छा है। 15 साल से भी ज्यादा समय से इसकी मांग चल रही थी। सबसे बड़ा कारण था कि इंजन रिवर्सल की वजह से ट्रेनें काफी लेट हो जाती थीं। सबसे जरूरी है कि अब रेलवे टाइमलाइन बनाकर कार्य करे क्योंकि सिंहस्थ में ज्यादा समय नहीं है। एक साल के अंदर इसे तैयार कर दिया जाना चाहिए। उज्जैन-इंदौर आने वाले यात्रियों का भी इससे समय बचेगा।
सिंहस्थ की दृष्टि से नागदा जंक्शन तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख स्टेशन रहेगा। नई स्वीकृत नागदा-बायपास लाइन के निर्माण से यात्रा के समय में कमी आएगी और रेल यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने में भी मदद मिलेगी।