उज्जैन से मुंबई व दिल्ली की दूरी 10 घंटे में पूरी होगी, सिंहस्थ से पहले तैयार होगा हाईवे
प्रयागराज में हुए भीषण सड़क हादसे से सबक लेते हुए सरकार ने उज्जैन-जावरा घोन फील्ड हड़वे परियोजना को फिर से प्राथमिकता सूची में शामिल कर दिया है। लंबे समय से ठेकेदार और एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के बीच समझौता न होने के कारण यह योजना लगभग एक वर्ष से अटकी हुई थी। अब सरकार ने मंनूरी के साथ 2418.47 करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया है। यह हदवे उज्जैन से जावरा तक लगभग 93.650 किमी लंबा एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रोन फील्ड मार्ग होगा। लक्ष्य यह है कि सिंहस्थ 2025 से पहले यह सड़क यात्रियों के लिए खुल सके
उज्जैन, रतलाम व मंदसौर के बीच यात्रा का समय घटेगा
इस मार्ग के बनने से उने, रतलाम और मंदसौर के बीच यात्रा समय लगभग 40% तक घट जाएगा। उज्जैन से मुंबई और दिल्ली की दूरी भी मात्र 10 घंटे में पूरी हो सकेगी। सड़क पर फ्लायओवर बड़े पुत्र, 26 लघु पुल और 3 रोड ओकरबिन बनाए जाएंगे। इसके अलावा गाव सीधे इस इवे से जुड़ जाएंगे, जिसने स्थानीय पाखपात और अर्थिक गतिविधियों को मति मिलेगी। गौरतलब है कि प्रोन फील्ड के लिए पहले जो टेंडर हुए थे, उसमें एल-1 ठेकेदार से अनुबंध नहीं हो पाया था। इस वजह से काम शुरू नहीं हो सका। बाद में री टेंडरिंग की प्रक्रिया करना पड़ी।
ट्रैफिक लोड बढ़ा, 2028 तक काम पूरा करने के निर्देश
प्रयागराज में सड़क निर्माण में लापरवाही के बाद हुए हादसे के बाद केंद्र व राज्य सरकम ने सभी अधूरी सड़क परियोजनाओं को कोस थी। समीक्षा में पता चला कि उन-वाका रूट पर ट्रैफिक लोड बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इमो कन्या से सरकार ने इसे टीटी में डाल दिया। साथ ही निर्देश दिए हैं कि हर हाल में मई 2023 तक हवे का काम पूरा हो जाए।