Single Malt Whisky: भारत में पहली बार बनी थी सिंगल माल्ट व्हिस्की, स्कॉच और व्हिस्की से अलग
Single Malt Whisky : देश में ज्यादातर लोग शराब पीना पंसद करते है. हर कोई व्यक्ति अलग ब्रांड की शराब पीते है. आज हम आपको एक ऐसी शराब के बारे में बता रहे है जो भारत में पहली बार बनाई गई थी.
दुनिया ने भारत ऐसा देश है जहां पर व्हिस्की उत्पादक और उपभोक्ता सबसे ज्यादा है. बता दें कि अब भारत दुनिया की कुछ बेहतरीन सिंगल माल्ट व्हिस्की का उत्पादन करता है. इस सिंगल माल्ट व्हिस्की को क्रिटिक्स की प्रशंसा और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले है.
व्हिस्की को भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान आई. ऐतिहासिक रूप से भारतीय डिस्टिलेशन मुख्यतः इंडस्ट्रियल था. जिसमें गुणवत्ता की तुलना में कम लागत और उच्च मात्रा को प्राथमिकता दी जाती थी.
20वीं सदी के उत्तरार्ध तक भारतीय व्हिस्की अक्सर फर्मेंटेड मोलालेस यानी गुड़ से बनी स्पिरिट होती थी. जिसे अंतरराष्ट्रीय मानकों द्वारा व्हिस्की के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी. 20वीं भारत में ग्रेन यानी अनाज आधारित व्हिस्की बनाई गई.
जिसे प्रीमियम बाजार विकसित होना शुरू हुआ था. भारत की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की 2000 के दशक की शुरुआत में अमृत डिस्टिलरी में पेश की. उसके बाद इस व्हिस्की को 2004 में बाजार में उतारा गया.
स्कॉच व्हिस्की एक विशेष प्रकार की व्हिस्की होती है, जिसे स्कॉटलैंड में बनाया जाता है. व्हिस्की एक व्यापक शब्द है जो किसी प्रकार की शराब को संदर्भित कर सकता है, जिसे माल्टेड जौ, गेंहू या मक्का से बनाया जाता है.सिंगल माल्ट व्हिस्की और किसी अन्य व्हिस्की के स्वाद और सुगंध में भी अंतर होता है.
ऐसे बनती है सिंगल माल्ट
सिंगल माल्ट व्हिस्की को डिस्टिलरी में केवल माल्टेड जौ बनाया जाता है. सबसे पहले इसमें माल्टेड जौ को अंकुरित किया जाता है, फिर सुखाया जाता है और बाद में मैश करके पकाया जाता है.
जौ में मौजूद स्टार्च को शर्करा में बदल दिया जाता है. जो बाद में फर्मेंटेशन प्रोसेस के दौरान अल्कोहल में परिवर्तित हो जाता है. बाद में सिंगल माल्ट व्हिस्की को अमूमन ओक बैरल में मेच्योर किया जाता है.
मेच्योर होने के बाद व्हिस्की का ओक के साथ अंतरंग रिश्ता बनता है. जिससे इस व्हस्की के खास नोट्स और फ्लेवर्स बनते हैं. इसकी मेच्योरिटी का टाइम कम से कम तीन साल और अधिक से अधिक कितने साल का भी हो सकता है.
ये व्हिस्की जितनी पुरानी होगी दाम उतना ही ज्यादा होगा. कुछ समय पहले मुंबई ड्यूटी फ्री में बोमोर 1965 की एक बॉटल 42 लाख रुपये में बिकी थी.