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High court: हरियाणा पंजाब पानी मुद्दे पर पानी का फैसला लागू करने का आश्वासन दे पंजाब, अन्यथा अवमानना की होगी कार्रवाई

 

भाखड़ा नंगल डैम से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार यह आश्वासन दे कि हाई कोर्ट का फैसला लागू किया जाएगा, नहीं तो मुख्य सचिव और डीजीपी को अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा। पंजाब सरकार ने इस पर आपत्ति जताई। कहा कि उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। साथ ही सुनवाई सोमवार तक स्थगित करने की मांग की।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने कहा कि यदि पंजाब सरकार आश्वासन देती है तो सुनवाई सोमवार तक टाली जा सकती है। अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। पंजाब सरकार ने कहा कि मामला संवेदनशील है। लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। इसलिए अभी आश्वासन नहीं दे सकते।

इसके लिए समय दिया जाए। इससे पहले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि उन्हें हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने से रोका गया। केंद्र सरकार ने 2 मई को बैठक की थी। इसमें पंजाब और हरियाणा के अधिकारी शामिल थे।

बैठक में हरियाणा की आपात जरूरतों को देखते हुए 8 दिन में 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का फैसला हुआ था। हाई कोर्ट ने 7 मई को आदेश जारी कर पंजाब पुलिस को डैम के रोजमर्रा के कार्यों में हस्तक्षेप से रोका था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बताया कि हरियाणा को 200 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए भेजे गए दो अधिकारियों को पंजाब पुलिस ने रोका। उन्होंने दावा किया कि कुछ नागरिकों ने उन्हें एक गेस्ट हाउस मैं घेर लिया था। इसके बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें वहां से निकाला।


वकीलों के 'नो वर्क डे' पर हाई कोर्ट नाराज

जवान सीमा पर लड़ रहे, आप घर आराम करेंगे

शुक्रवार दोपहर 12 बजे केस पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि बार काउंसिल ने आज वकीलों को काम न करने के लिए कहा है, ऐसे में सुनवाई स्थगित की जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, सेना लड़ रही है और आप घर पर आराम करना चाहते हैं। हाई कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए पेश होने की सुविधा दी है तो फिर सुनवाई स्थगित करने की मांग करना अनुचित है। इसके बाद हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की मांग पर 4 बजे वीसी से इस मामले की सुनवाई की।


पानी पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्णः नायब सिंह

देश की वर्तमान परिस्थितियों में पंजाब सरकार का पीने के पानी पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी के साथ नांगल बांध के दौरे के दौरान दुर्व्यवहार किया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि आप-दा सरकार न तो संविधान का सम्मान करती है और न ही संवैधानिक संस्थाओं का। उसने जल मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले की भी अवहेलना की है। हम सिर्फ हरियाणा के हिस्से का पानी मांग रहे हैं।