Indian Railways : भारत में पहली बार चलाई जाएगी हाइड्रोजन ट्रेन, टेस्टिंग हुई सफल
First Hydrogen Train : ट्रेन में हर रोज लाखों लोग सफर करते है. यात्रियों को संख्या को देखते हुए हाल ही में रेलवे ने एक रेल का निर्माण किया है. हम बात कर रहे है हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन की. अब आप जल्द ही हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन में सफर कर पाएंगे.
चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन के कोच यानी ड्राइविंग पावर कार का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. भारत से पहले जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन में इस हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का संचालन हो चुका है.
हाइड्रोजन ट्रेन में 1,200 हॉर्स पावर (HP) की ताकत के साथ बनाई गई है. इस ट्रेन में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर बिजली पैदा करती है, जिसका एकमात्र उप-उत्पाद पानी और भाप है. ये ट्रेन पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है.
इस ट्रेन से न तो कोई कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है और न ही कोई हानिकारक गैस. इससे किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा. भारतीय रेलवे का लक्ष्य 2030 तक ‘नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन’ हासिल करना है.
हाइड्रोजन ट्रेन का डिजाइन लखनऊ के रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने तैयार किया है. इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई की ICF में किया गया है. इस ट्रेन में 8 यात्री डिब्बे होंगे, जो एक बार में 2,638 यात्रियों को ले जा सकती है.
इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इस ट्रेन का पहला ट्रायल हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर 89 किलोमीटर की दूरी पर होगा. इस ट्रायल में ट्रेन की तकनीकी क्षमता और सुरक्षा की बारिकी से जांच की जाएगी.
हाइड्रोजन ट्रेनें बनाने के इस इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे के 2,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस बजट में कुल 35 ट्रेनें बनाई जाएगी. इन ट्रेनों को ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ प्रोजेक्ट के तहत हेरिटेज रूट्स जैसे कालका-शिमला और दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे पर चलाने की योजना है.