Health Tips: ये पौधा है इन बीमारियों के लिए बहुत ही फायदेमंद, ये है देसी दवाओं का भी बाप
Himalayan Herb Swertia chirata : देश में कई ऐसे पेड़ पौधे पाए जाते है जो कई तरह की बीमारियों के लिए रामबाण इलाज होता है. आज हम आपको एक एक जड़ी-बूटी के बारे में बता रहे है जिसे आयुर्वेद में देसी दवाओं का बाप कहा जाता है.
ये जड़ी-बूटी देवभूमि उत्तराखंड में पाई जाती है. आज हम बात कर रहे है चिरायता(Swertia chirata) की. ये जड़ी-बूटी अपने कड़वे स्वाद, फूलों और जबरदस्त औषधीय गुणों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है.
चिरायता की डिमांड अंतरराष्ट्रीय स्तर होती है. चिरायता आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी में बहुत ही उपयोगी मानी जाती है. बता दें कि चिरायता एक जड़ी-बूटीदार पौधा है, जिसकी लंबाई 1 से 1.5 मीटर तक होती है.
चिरायता के पौधे की पतियां लंबी, भालाकार और गहरे हरे रंग की होती हैं. चिरायता के फूल छोटे-छोटे, बैंगनी या हल्के बैंगनी रंग के होते हैं जो गुच्छों में खिलते हैं . चिरायता का स्वाद करेला से भी कड़वा होता है.
इसका पाउडर या क्वाथ को बिना चीनी मिलाए खाया जाता है. चिरायता के इस्तेमाल से ब्लड शुगर के कंट्रोल किया जाता है. बुखार, खासकर मलेरिया या वायरल फीवर में चिरायता का काढ़ा पीना बेहद लाभदायक होता है.
इसके सेवन से हमारे शरीर का पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, भूख बढ़ाता है और गैस, एसिडिटी, अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है. इसके सेवन से त्वचा रोगों जैसे फोड़े-फुंसी, खुजली, दाग-धब्बे से छुटकारा मिलता है. चिरायता गठिया या जोड़ों के दर्द के लिए संजीवनी जैसा काम करता है.