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अना​धिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को वैध करने की तैयारी में सरकार, सभी प्रकार की मिलेंगी सुविधाएं

अना​धिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को वैध करने की तैयारी में सरकार, सभी प्रकार की मिलेंगी सुविधाएं
 

 जिस प्रकार अवैध कॉलोनियों को सरकार नियमित करती है, उसी तर्ज पर अब अवैध औद्योगिक कॉलोनियों को भी नियमित करने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। इन औद्योगिक इकाइयों को नियमित करने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखी हैं। इन कॉलोनियों में औद्योगिक इकाइयां चला रहे उद्योगपतियों को यह शर्त पूरी करनी होंगी। इसके बाद सरकार इनको नियमित करेगी और उसमें सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। नायब सरकार ने बजट में अना​धिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को नियमित करने का वायदा किया था। अपने इस वायदे को सरकार अब पूरा करने जा रही है। जो उद्योगपति अपनी कॉलोनियों को नियमित करवाना चाहते हैं, उनको सरकार के पास आवेदन करना होगा। औद्योगिक कॉलोनी में कम से कम 50 उद्यमी होने चाहिएं। इसके अलावा वह कॉलोनी कम से कम 10 एकड़ में भी होनी चाहिए। इसके बाद सरकार इन कॉलोनियों में सभी प्रकार की सुविधाएं सरकार मुहैया करवाएगी। 


दस एकड़ तक फैक्टरी लाइसेंस अब एडीसी देंगे
हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि यदि कोई उद्योगपति 10 एकड़ तक के उद्योग के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण करवाना चाहता है तो अब उसको जिला स्तर पर एडीसी ही लाइसेंस दे देगा। यदि अनियमित कॉलोनियों में काम कर रहे उद्यमियों को सुविधाएं प्राप्त करनी हैं तो उनको पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इन औद्योगिक इकाइयों को सुविधाएं देने के साथ-साथ बैंकों से ऋण भी मिल सकेगा। सरकार ने 2019 में प्रदेश की अनियमित औद्योगिक इकाइयों का सर्वे करवाया था। उस समय निर्णय लिया गया था कि जिन क्षेत्रों में 70 प्रतिशत तक उद्यमी कारोबार कर रहे हैं, उनको नियमित किया जाएगा। उसी सर्वे के आधार पर सरकार इन अना​धिकृत औद्योगिक इकाइयों को बड़ी राहत दी थी। 


प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश
बजट 2025-26 में मुख्यमंत्री ने इन औद्योगिक कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा की थी। अपनी इस घोषणा को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एचएसआईआईडीसी के अ​धिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए चीफ कॉर्डिनेटर सुनील शर्मा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी 18 अप्रैल को मानेसर में एक हजार उद्यमियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबो​धित करने वाले हैं। इस सम्मेलन में उद्यमियों से सुझाव मांगे जाएंगे। इस सम्मेलन में जो सुझाव आएंगे, उसके बाद इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अंतिम रुप दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने खरखौदा में आईएमटी के विस्तार का भी निर्णय लिया है। इसके विस्तार से प्रदेश में औद्योगिक गतिवि​धियों को काफी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा प्रदेश में इले​क्टि्रक वाहनों और उनके घटकों के निर्माण के लिए ईवी पार्क स्थापित किया जाएगा। इससे प्रदेश में हरित औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। 


स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने की तैयारी
सरकार इसके साथ-साथ प्रदेश में स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने की तैयारी में है। लघु एवं मध्यम उद्योगों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन के मानकों का अनुपालन करने में मदद करेगी। इसके लिए उद्योगों में स्थापित जनरेटर को स्वच्छ, पर्यावरण और अनुकूल ईंधन में परिवर्तित करने के लिए रेट्रोफिट उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों को अपनाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उद्योगों को सरकार की तरफ से आ​र्थिक सहायता भी दी जा सकती है। 
इंस्ट्रीज के चीफ कॉर्डिनेटर सुनील शर्मा ने बताया कि सरकार उद्योग-श्रम-अनुकूल परिषद का गठन करने जा रही है। इससे उद्यमियों की समस्याओं को दूर किया जा सकेगा। इसके अलावा भूजल दोहन से संबं​धित एनओसी नीति की भी समीक्षा की जा रही है।