कानपुर के 50 लाख लोगों के लिए खुशखबरी, मंधना अनवरगंज एलिवेटेड रेलवे ट्रैक की राशि जारी, 2 साल तक कई ट्रेन रहेगी डायवर्ट
मंधना अनवरगंज एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण के लिए राशि जारी हो गई है, 30 जुलाई तक नवोदय की अंतिम तारीख दी गई है। दो चरणों में रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। दो चरणों में 1115.65 करोड रुपए से यह निर्माण होगा। पहले यह राशि 995 करोड रुपए बताई जा रही थी ।निर्माण कार्य 2 साल में पूरा होने की मियाद रखी गई है।
छत्रपति महाराज विश्वविद्यालय के सामने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से यह नया रेलवे स्टेशन भवन बनाया जाएगा ।परंतु कल्याणपुर व रावतपुर स्टेशन खत्म हो जाएंगे। इसके निर्माण से दो लोकसभा क्षेत्र कानपुर व अकबरपुर के अंतर्गत 18 रेलवे क्रॉसिंग खत्म होने वाली है। जिससे 50 लाख आबादी जाम से मुक्त होगी । जीटी रोड के समानांतरण ट्रक निर्माण से 2 दर्जन से अधिक बाजारों में कारोबारी में खुशहाली आने वाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे शिलान्यास
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हर प्रकार की अड़चन दूर करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना की थी। प्रधानमंत्री मोदी इस परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं इसके लिए सांसद रमेश अवस्थी की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भी भेज दिया गया है वर्ष 2004 में 21 साल पहले एलिवेटेड रेलवे ट्रैक की परियोजना को लेकर करवाई सरु कर दी गई थी इसके बाद लगातार यह मुद्दा संसद में अन्य जगहों पर उठाया जा रहा था।
इस परियोजना में राज्य सरकार के अंश के तहत भूमि व लगभग 150 भवनो दुकानों के अधिग्रहण का मुआवजा राशि के लिए 50 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव भेजा गया है जो मंजूर कर लिया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय से डीपीआर समेत सभी स्वीकृति मिल चुकी है। अब कोई भी वाधा शेष नहीं रही है, जरीब चौकी रेलवे क्रॉसिंग पर ब्रिज के लिए शासनादेश व धनराशि के लिए काम पूरा करवा दिया गया है । यह परियोजना कानपुर में विकास की बड़ी लकीर साबित होने वाली है । जीटी रोड के समानांतरण मंधना -अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक लाइन जैसा है।
यहां पर उत्तर से लेकर दक्षिण के लिए लगभग 20 लाख से अधिक लोग आवाजाई करते हैं। और दूसरे जिलों से 50 लाख लोगों में कर्मचारी कारोबारी मरीज भी आते जाते रहते हैं।
2027 तक ट्रेन रहेगी डायवर्ट
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार इस परियोजना के निर्माण में 2 साल समय लगने वाला है। इस ट्रेक निर्माण की आधारशिला के साथ लगभग 50 ट्रेनों का डायवजृन होगा जो 2 साल 2022 तक रहने वाला है उस समय ट्रेन दिल्ली हावड़ा, दिल्ली से बाय लखनऊ, बरेली से दिल्ली हावड़ा, रेलवे ट्रैक से निकल जाने वाली है।