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Family pension rules : फैमिली पेंशन में बेटियों का विवाह के बाद भी हक रहेगा

 

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फैमिली पेंशन नियमों को लेकर नया निर्देश जारी किया है। पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग ने कहा है कि फैमिली रिकॉर्ड से बेटियों के नाम कभी नहीं हटाए जाएंगे, चाहे शादी हो या रिटायरमेंट। इससे पेंशन को लेकर विवादों पर लगाम लगेगी और बेटियों का हक सुरक्षित रहेगा।

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन)

नियम 2021 के रूल 50 (15) के तहत, फॉर्म 4 में पति/पत्नी, बेटे, बेटियां, माता-पिता और विकलांग भाई-बहनों का विवरण दर्ज करना अनिवार्य है। साथ ही शादी, जन्म या अन्य बदलावों पर अपडेट भी जरूरी है। लेकिन नाम हटाने की कोई गुंजाइश नहीं है। नए आदेश के मुताबिक, "नाम रिटायरमेंट या शादी के बाद भी रिकॉर्ड में बने रहेंगे।
पेंशनर की मौत के बाद ही पात्रता तय होगी।" पहले कुछ मामलों में नाम हटाने से दावे खारिज हो जाते थे, लेकिन अब अगर पात्रता साबित हो तो रिजेक्शन नहीं होगा।

जानिए किन स्थितियों में बेटी का हक सुरक्षित रहेगा

कई पेंशनर्स और उनके परिवारों ने शिकायत की थी कि रिकॉर्ड से नाम हटने के कारण फैमिली पेंशन नहीं मिल रही। खासकर बेटियों के मामले में ऐसी परेशानी ज्यादा आ रही थी। शादी के बाद उन्हें पात्र नहीं माना जाता था। अब नया नियम कहता है- अगर पेंशनर की मौत के समय बेटी विधवा, तलाकशुदा या आय सीमा में है, तो उसका हक बरकरार रहेगा, भले ही पहले नाम हटा लिया गया हो।