{"vars":{"id": "115716:4925"}}

Chhena vs Paneer: छेना और पनीर में होता है ये बड़ा अंतर, 99% लोग नहीं है पता 

 

What is the difference between Chhena vs Paneer : दूध से बना छेना और पनीर का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है. घर में लोग पनीर से कई तरह की रेसिपी बनाते है जैसे- मटर पनीर, पनीर पालक, पनीर टिक्का के साथ कई स्वादिष्ट चीजें बनाई जाती है.

पनीर में अत्यधिक प्रोटीन पाया जाता है. व्रत-त्योहार हो या शाकाहारी लोगों को सब्जी के ऑप्शन में  पनीर सबसे बेस्ट होता है. पनीर की तरह ही छेना होता है.

ज्यादातर लोग घर में दूध में नींबू डालकर फाड़ लिया और छेना बनाकर इससे भुर्जी, छेने वाली मिठाई, सफेद रसगुल्ला आदि बनाते हैं. छेना और पनीर दोनों ही हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

बहुत से लोगों को ये दोनों चीजें एक जैसी लगती है. क्या आप जानते है दोनों के बीच के अंतर को? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते है. 

छेना और पनीर में अंतर (Chhena or Paneer me antar)

- छेना या पनीर दोनों बनाने के लिए दूध में नींबू या सिरका डालकर फाड़ना पड़ता है. दूध के फटने के बाद इसे अच्छे से छाना जाता है. 

- छेना और पनीर दोनों एक ही तरीके से बनते हैं. इन दोनों में एक बड़ा फर्क होता है इनके मॉइश्चर कंटेंट और फर्मनेस में. छेना मुलायम और दानेदार होता है, जबकि पनीर एक सख्त, प्रेस्ड चीज़ होता है.

- छेना चीज़ (cheese) का एक सॉफ्ट और डेलिकेट रूप है, जबकि पनीर ज्यादा सख्त और बहुउपयोगी होता है. 

- छेना का इस्तेमाल भारतीय मिठाइयों जैसे रसगुल्ला और संदेश बनाने में किया जाता है. इसकी मुलायम बनावट स्वाद को सोखने और आकार देने के लिए  बेहतर होती है. 

- पनीर का इस्तेमाल सब्जियों में किया जाता है, जैसे पालक पनीर, पनीर टिक्का बनाने के लिए किया जाता है. इसकी सख्त बनावट ( firmness) उसे पकाने के बाद भी पनीर अपने आकार में ही रहता है.