हरियाणा में एक साथ 150 अधिकारी व कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
हरियाणा सरकार जल्द ही रजिस्ट्री में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इन कर्मचारियों व अधिकारियों का पूरा रिकॉर्ड खंगाल लिया है। अब किसी भी समझ आर्डर जारी हो सकते हैं।
हरियाणा के तहसील कार्यालयों में पिछले लंबे समय से रजिस्ट्रियों में चली आ रही गड़बड़ी अभी तक खत्म नहीं हो पाई है। गुरुग्राम, सोनीपत, पटौदी, सोहना, पंचकूला, करनाल और मानेसर समेत राज्य की अधिकतर तहसीलों में नियमों के विपरीत जाकर गलत ढंग से रजिस्ट्रियां हो रही हैं।
प्रदेश सरकार की टास्क फोर्स ने करीब 150 अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित किया है, जिन्होंने नियमों के विपरीत जाकर अवैध रूप से रजिस्ट्रियां की हैं। इन अधिकारियों में जिला राजस्व अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी और रजिस्ट्री क्लर्क शामिल हैं। प्रदेश सरकार की मंजूरी के तुरंत बाद किसी भी समय इन अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश जारी हो सकते हैं।
पिछली सरकार के कार्यकाल में तहसीलों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था और बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां कर दी गई थी। उस समय डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास राजस्व विभाग था। भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की पूरी लिस्ट होने के बावजूद तब सरकार उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर पाई थी। अब राजस्व मंत्री विपुल गोयल गोयल हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व राजस्व मंत्री विपुल गोयल के निर्देश के बाद वित्तायुक्त एवं गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने मुख्यालय व कई उपायुक्तों को साथ जोड़कर राज्य स्तरीय टास्क फोर्स बनाई है।
सरकार ने इस टास्क फोर्स को अपने पास आई रजिस्ट्रियों में धांधली की शिकायतों व फील्ड में जाकर तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार जांच के आदेश दिए थे। टास्क फोर्स ने राज्य सरकार की रिपोर्ट दी है कि करीब 150 अधिकारी व कर्मचारी ऐसे हैं, जो गलत, अवैध और नियमों के
विपरीत हुई रजिस्ट्रियों के खेल में शामिल हैं।
इन अधिकारियों व कर्मचारियों की पूरी लिस्ट सरकार को सौंप दी गई है। इस लिस्ट में तहसील, अधिकारी अथवा कर्मचारी का नाम, रजिस्ट्री हुई जमीन और रजिस्ट्री में बरती की अनियमितता के साथ सरकार को हुए राजस्व के नुकसान का पूरा ब्योरा है। अधिकतर अधिकारियों व कर्मचारियों ने ऐसी रजिस्ट्रियां की हैं, जिनमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक्ट 1975 की धारा 7-ए के तहत रजिस्ट्री से पहले विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य होता है, लेकिन यह सारी रजिस्ट्रियां बिना एनओसी प्राप्त किए हुई हैं।
राजस्व विभाग को वित्तायुक्त डा. सुमिता मिश्रा ने इन भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी सूची सरकार के पास होने की पुष्ट की है। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट मिल चुकी है और किसी भी समय आरोपित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश जारी होने संभव है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि रजिस्ट्रियों में अनियमितताएं बरतने वालों के प्रति किसी तरह की रियायत नहीं होनी चाहिए। साथ ही जिला उपायुक्तों को सभी तहसील कार्यालयों को को आइटी बेस्ड और अपडेट करने के आदेश दिए गए हैं। उपायुक्तों से कहा गया है कि जनता को रजिस्ट्रियां कराने में कोई तकलीफ नहीं आनी चाहिए और भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए।