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 कांग्रेस की गुटबाजी को सतह पर ले आया युकां प्रदेश अध्यक्ष का दौरा,बुलाने पर भी मिलने नहीं पंहुचे कांग्रेस  के जिलाध्यक्ष

 
 

रतलाम,26 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस  पार्टी की गुटबाजी की बीमारी ने अब भी उसका पीछा नहीं छोडा है। अस्तित्व पर मण्डरा रहे खतरे के बावजूद कांग्रेस  की गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को युवककांग्रेस  के प्रदेश अध्यक्ष के रतलाम दौरे में कांग्रेस  की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई,जब कांग्रेस  के दोनो जिलाध्यक्ष बुलाने पर भी युकां प्रदेश अध्यक्ष से मिलने नहीं पंहुचे।

उल्लेखनीय है कि युवक कांग्रेस  के प्रदेश अध्यक्ष यश घनघौरिया गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर रतलाम पंहुचे थे। युवक कांग्रेस  के प्रदेश संगठन प्रभारी चेतन चौधरी और झोन प्रभारी स्वीटी पाटिल भी घनघौरिया के साथ रतलाम आए थे। युवक कांग्रेस  के शहर जिला अध्यक्ष मयंक जाट ने प्रदेश अध्यक्ष के आगमन के उपलक्ष्य में एक होटल में युवक कांग्रेस  की जिला बैठक का आयोजन किया था। 

स्वाद एक्जोटिका होटल में आयोजित इस बैठक में मयंक जाट के समर्थक नेता तो मौजूद थे,लेकिन हाल ही में शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाए गए नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने इस आयोजन से दूरी बना रखी थी। युवक कांग्रेस  की जिला बैठक में जिले के सैलाना,आलोट जावरा इत्यादि क्षेत्रों के युवा पदाधिकारी पंहुचे थे,लेकिन हाल ही में बनाए गए शहर के दो ब्लाक अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम में नहीं पंहुचे। 

आमतौर पर किसी राजनैतिक पार्टी का कोई प्रदेश पदाधिकारी किसी जिले के दौरे पर जाता है,तो जिले के पदाधिकारी प्रदेश के नेता से सौजन्य भेट करने जरुर जाते है। लेकिन युवक कांग्रेस  प्रदेश अध्यक्ष यश घनघौरिया के रतलाम दौरे में इस परम्परा को गुटबाजी के चलते ताक पर रख दिया गया। 

शहर कांग्रेस  जिलाध्यक्ष शांतिलाल वर्मा और कांग्रेस  जिलाध्यक्ष हर्षविजय गेहलोत दोनो ने ही युवक कांग्रेस  प्रदेश अध्यक्ष से मिलना जरुरी नहीं समझा। कांग्र्रेस सूत्रों के मुताबिक युवक कांग्रेस  प्रदेश अध्यक्ष का निर्धारित कार्यक्रम दोपहर एक बजे रतलाम पंहुचने का था,लेकिन वे करीब दो घण्टे की देरी से रतलाम पंहुचे थे। इस दौरान पचास साठ कांग्रेस  कार्यकर्ता स्वाद एक्जोटिका होटल में उनका इंतजार कर रहे थे। 

युका प्रदेश अध्यक्ष के रतलाम पंहुचने के बाद उन्होने कांग्रेस  के जिलाध्यक्षों से मिलने की इच्छा जाहिर की। बैठक स्थल पर मौजूद कांग्रेस  नेताओं ने दोनो जिलाध्यक्षों को फोन भी लगाए ,लेकिन कांग्रेस  सूत्रों के मुताबिक दोनो ही जिलाध्यक्ष युका प्रदेश अध्यक्ष से मिलने को तैयार नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि युका प्रदेश अध्यक्ष यश घनघौरिया ने खुद भी जिलाध्यक्षों को फोन लगाए,लेकिन दोनो ही जिलाध्यक्ष उनसे मिलने नहीं पंहुचे।

इतना ही नहीं,हाल ही में शहर के चार ब्लाकों में नवनियुक्त ब्लाक अध्यक्षों में से भी दो ब्लाक अध्यक्षों ने ही युका प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की। नवनियुक्त ब्लाक अध्यक्ष आशा रावत और मेहमूद शैरानी तो बैठक स्थल पर मौजूद थे,लेकिन शेष दो ब्लाक अध्यक्ष शांतु गवली और प्रदीप राठौड वहां नहीं पंहुचे। जिले और ब्लाक के अध्यक्षों के अलावा भी कई ऐसे नेता थे,जो जानबूझ कर युका प्रदेश अध्यक्ष से मिलने नहीं पंहुचे। इनमें महिला कांग्रेस  की वरिष्ठ नेता यास्मीन शैरानी और नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष कमरुद्दीन कचवाय जैसे नेता शामिल है,जिन्होने शहर में रहते हुए भी युवक कांग्रेस  के कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी थी।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जिलाध्यक्षो की नियुक्ति के दौरान युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मयंक जाट ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष शांतिलाल वर्मा की नियुक्ति का विरोध किया था. मयंक जाट शैलेन्द्र सिंह अठाना को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते थे लेकिन इसके बावजूद शांतिलाल वर्मा जिलाध्यक्ष बन गए। तभी से दोनों नेताओ में अनबन है और इसी नाराजी के चलते शांतिलाल वर्मा ने मयंक जाट के आयोजन से खुद को दूर रखा था। 

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस  पार्टी की स्थिति इन दिनों बेहद गंभीर बनी हुई है। कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस  जिलाध्यक्ष पूर्व सैलाना विधायक हर्ष विजय गेहलोत और जिला पंचायत सदस्य राजेश भरावा ने कांग्रेस  संगठन में की गई नियुक्तियों से नाराज होकर अपने इस्तीफे भोपाल भेज दिए थे। कांग्रेस का यह झगडा अभी पूरी तरह से सुलझा भी नहीं था कि युवक कांग्र्रेस प्रदेश अध्यक्ष के दौरे में फिर से कांग्र्रेस का झगडा सामने आ गया।

कांग्र्रेस सूत्रों का कहना है कि जब शहर कांग्रेस  जिलाध्यक्ष शांतिलाल वर्मा बुलाने पर भी युका प्रदेश अध्यक्ष से मिलने नहीं पंहुचे,तो युका प्रदेश अध्यक्ष यश घनघौरिया नाराज हो गए। उन्होने कांग्रेस  पदाधिकारियों की शिकायत वरिष्ठ नेताओं से करने की बात कही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कांग्र्रेस में और भी उठापटक देखने को मिल सकती है।