मुफ्त की रेवड़ी योजनाओं से बर्बाद होता एक देश वेनेजुएला,,,,,
- डा प्रदीपसिंह राव
दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में गिना जाने वाला लैटिन अमेरिका का धनी देश" वेनेजुएला" आज दुनिया के सबसे कंगाल देशों में से एक है,,,,तेल के अकूत भंडार वाला संसार का सर्वाधिक तेल उत्पादक देश ही आज कटोरा लिए घूम रहा है,,,,अब आप लोग ये कहेंगे कि इस देश से हमारा क्या लेना देना??तो समझ लीजिए कि सऊदी अरब,दुबई,ईरान,कुवैत, ईराक जैसे तेल उत्पादक देश आज बेहद अमीर हैं, तो वेनेजुएला देश फटेहाल कैसे हुआ,,,, ये मुफ्त की रेवड़ी बांटने और कुप्रबंधन से बर्बाद हो गया।
सरकार ने खेती,शिक्षा,चिकित्सा भोजन, सुविधाएं मुफ्त कर दी। ,दुनिया में सबसे सस्ता 65 पैसे लीटर तेल यहां मिलता है। जबकि पानी 45 रुपए लीटर,,,,सरकार ने जनता को निकम्मा बना दिया। मुफ्त राशन,मुफ्त आवास घर बैठे मुफ्त समान मिलने से लोगों ने काम करना ही बंद कर दिया। ,खेत उजड़ गए,उत्पादन ठप हो गया,और भ्रष्टाचार कुशासन इतना बढ़ गया कि यहां की आधी आबादी पलायन कर गई।
आज यहां काफी का एक कप 25 लाख में मिलता है,,जेब में रखने वाली पॉकेट कंघी 75 रुपए में मिलती है।,एक ब्रेड के लिए लोग 10 घंटे लाइन में लगते हैं हर दिन ब्रेड के लिए, घूंसे , लात,चाकू चलते है। अपराध चरम सीमा पर है। .आज इस देश में कोई जाना रहना ही पसंद नहीं करता। देश को चूसने वाले बढ़ते जा रहे है ।
क्या हमारे देश के राजनीतिक दल वेनेजुएला से सबक सीखेंगे ? जो अवसरवादी नेता ,सरकारें,वोट के लिए अपनी छवि की जगह मुफ्तखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं। हर चुनाव में कोई मुफ्त योजना देश को निकम्मा बना देगी। ,शिक्षा संस्थाओं में बेइंतहा मुफ्त योजनाओं के कारण रेवड़ी लेने जाने वाले विद्यार्थी देश का क्या भविष्य बनाएंगे,,,? ,देशवासियों को रेवड़ी कल्चर से शीघ्र बचाया न गया तो आने वाले समय में सरकारें ऋण के बोझ से दबती जाएंगी और अर्थ व्यवस्था तेजी से गर्त में चली जाएगी। जॉर्जिया,माल्दोवा,तजाकिस्तान गृह युद्ध में 1990 के बाद बर्बाद हो गए। सूडान,वेनेजुएला,अफ्रीकी देश,एशिया के पाकिस्तान,बांग्लादेश,नेपाल,भूटान,,श्रीलंका,,,जैसे हालात भारत के भी हो सकते हैं।