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नाबालिग बालिका को अपने घर में बुलाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं अर्थदण्ड 

 
 

रतलाम,11 नवंबर (इ खबरटुडे)।  दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग बालिका को पाने घर बुलाकर उसके साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को जिला न्यायलय में पोक्सो एक्ट  विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार शर्मा द्वारा 10 वर्ष के सश्रम कारवास और अन्य आरोपियों को 3 -3 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई।  

 
प्रकरण में सहा. निदेशक/जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती आशा शाक्यवार ने बताया कि दिनांक 10.01.2023 को अभियोक्त्री थाना सरवन पर उपस्थित होकर रिपोर्ट  की कि मैं कक्षा 10 वी प्राईवेट पढाई कर रही हूँ। मेरे गॉव के पास लालु पिता लक्ष्मण डिंडोर रहता है। लालु मजदुरी के लिये मेरे गाँव तरफ आता रहता था, जिससे मेरी पिछले तीन महिने उससे मेरी दोस्ती (प्यार) हो गयी है। लालु भी मुझे प्यार करता है। हम दोनों मौका पाकर आपस में मिलते थे।  

दिनांक 15.11.22 को लालु ने मुझे उसके घर पर मिलने बुलाया था। मै लालु के घर पर चली गयी थी। उस दिन लालु के घर पर कोई नहीं था। फिर लालु ने मेरे साथ एक बार पति पत्नी की तरह शारीरिक संबंध बनाये थे बाद मे, मैं अपने घर पर आ गयी थी, मेरे पापा मम्मी को कही से पता चल गया था कि मै लालु से मिलने गयी थी उसके बाद उन्होने मुझे बहुत डाटा था तथा बोला था कि आज के बाद लालु से बात नही करोगी। उस दिन मैने घर वालो को यह नहीं बताया था कि मेरे व लालु के बीच शारीरिक संबंध बने।

 मेरे घर वालो ने मुझे डाटा था तो मै नाराज हो गयी थी इसलिये दिनांक 01.12.22 को सुबह करीब 11.00 बजे मैं अपने घर से निकल कर बस से सैलाना चली गयी थी। सैलाना में चाय की दुकान पर मुझे एक अंकल मिले जिन्होने मुझे अपना नाम राधेश्याम जाट बताया। राधेश्याम अंकल ने मुझसे बातचीत की तो मैने उनको घर से भाग जाने वाली बात बतायी।

 राधेश्याम अंकलजी बोले कि तुम मेरे साथ मेरे घर चलो। मै तुम्हारे रहने की व्यवस्था कर दूंगा। राधेश्याम जी मुझे उनके मकान पर ले गये। जिनके घर पर उनकी पत्नी राधाबाई थी। राधेश्याम व राधाबाई ने मुझे बोला था कि अगर कोई पड़ोसी या मकान मालिक तुमसे पुछे तो बता देना की मैं राधाबाई की बहन की छोरी (लड़की) हूँ। अगर तुने ऐसा नहीं बोला तो तुझे जान से खत्म कर देंगे। मैं धमकी से डर गयी थी इसलिये मैने किसी को कुछ नही बताया। मैं उनके घर पर ही रहने लगी थी तथा मै गेट से भाग गयी फिर सैलाना से टेम्पो पकड़कर अपने प्रेमी लालु के घर आ गयी। 

मैने लालु को चले के बारे में पुरी बात बतायी। लालु के घर वाले जावरा तरफ मजदुरी करने गये हुवे थे तो मैं उसके मकान पर ही रही। आज मेरे पिता मदनलाल व भाई गोपाल को कही से सुचना मिली की मै लालु के घर पर हूँ तो वो मुझे लेने आये। मुझसे चले जाने के बारे मे पुरी बात पुछी तो मैने उनको पुरी बात बतायी। मेरे पापा ने बताया था कि हम तेरे को इतने दिनो से ढुंढ ही रहे थे हमे लगा तु आ जायेगी इसलिये थाने पर तेरे गुमने की रिपोर्ट नही लिखवायी। 

फिर मेरे पापा मदनलाल व अंकल छगनलाल मुझे थाने पर रिपोर्ट लिखवाने लेकर आये। राधाबाई व राधेश्याम यह जानते थे कि मैं आदिवासी भील समाज की लड़की हुँ उसके बावजुद भी मुझे जबरदस्ती अपने घर पर रखा व कही ओर शादी करवाने वाले थे। मैं अपनी कक्षा 5 वी कि अंकसूची की फोटो कापी लेकर रिपोर्ट करवाने आयी हूँ कि कार्यवाही की जावे। 


पीडित बालक की उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरक्षी केन्द्र सरवन, जिला रतलाम में अभियुक्त लालू पिता लक्ष्मण डिण्डोर, आयु 21 वर्ष, निवासी कुण्ड सैलाना, थाना सरवन एवं अभियुक्त राधेश्याम पिता भागीरथ जाट, आयु 42 वर्ष निवासी खुटपाला, पुलिस थाना राजोद, जिला धार (म.प्र.) हाल मुकान सैलाना के विरूद्ध अपराध कं.-21/2023  भा.दं.स., 1860 की धारा-363, 366ए, 376, 368, 344, 506, 34 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3/4 एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 (2) (v) के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की जाकर प्रकरण विवेचना में लिया गया।


विवेचना के दौरान पीड़ित बालक का मेडिकल परीक्षण, कथन गवाहन आरोपी को गिरफ्तार कर, मेडीकल एवं अन्य विवचेना उपरांत आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366ए, 376, 368, 344, 506, 34 भादवि धारा 3/4 लैंगिक अपराधों बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(2)(va) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1889, का अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सों एक्ट में प्रस्तुत किया गया।  

विचारण उपरांत माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट रतलाम द्वारा अपने निर्णय दिनांक 11.10.2025 को अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी, मौखिक साक्ष्य एवं  मेडिकल रिपोर्ट, के आधार अभियुक्त लालू एवं राधेश्याम को दोषसिद्ध किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्रीमती गौतम परमार विशेष लोक अभियोजक रतलाम द्वारा की गई।