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 एक घण्टे की आंधी बारिश ने खोली आपदा प्रबन्धन की पोल,नदारद थे तमाम प्रशासनिक अधिकारी,भगवान भरोसे था पूरा शहर

 
 

रतलाम,14 जून (इ खबरटुडे)। बीती शाम करीब एक घण्टे की तेज आंधी और बारिश ने आपदा प्रबन्धन व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। आधी रात के बाद तक शहर अन्धेरे में डूबा रहा। जिला चिकित्सालय तक में बिजली गुल थी। शहर की कई सडक़ों पर गिरे पेडों ने आवागमन को अवरुद्ध कर दिया था। ऐसी विकट स्थिति में जब जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को सडक़ों पर उतर कर व्यवस्थाओं को चाक चौबन्द करना था,तमाम अधिकारी नदारद थे। अधिकांश जनप्रतिनिधि भी घरों में दुबके हुए थे और केवल कुछ समाजसेवी और बिजली विभाग के कर्मचारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में आधी रात के बाद तक सक्रिय थे।

उल्लेखनीय है कि बीती शाम करीब पांच बजे शुरु हुई तेज आंधी और तेज बारिश के कारण कई पेड जडों से उखड गए। सडक किनारे लगे पेडों के उखडने से बिजली के तार क्षतिग्र्रस्त हो गए। इसके साथ ही कई स्थानों पर बिजली के पोल भी इस तेज आंधी के चलते जमीन पर जा गिरे। नतीजा यह हुआ कि पूरे शहर की बिजली गुल हो गई और पूरा शहर अन्धेरे में डूब गया।

करीब एक घण्टे के बाद जब बारिश और आंधी का दौर खत्म हुआ तो धीरे धीरे बिजली विभाग के कर्मचारियों ने विद्युत लाइनों को ठीक करने के प्रयास प्रारंभ किए। बिजली कर्मियों की कई टीमे शहर के अलग अलग इलाकों में व्यवस्थाओं को ठीक करने में जुट गई।

लेकिन इसके विपरित जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी नदारद ही रहे। नगर निगम से लगाकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आला अधिकारी कहीं नजर नहीं आए। 

जेनरेटर होने के बावजूद अन्धेरे में डूबा जिला अस्पताल

सबसे संवेदनशील स्थान जिला अस्पताल शाम से लेकर आधी रात तक अन्धेरे में डूबा हुआ था। जिला अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) जैसे अतिसंवेदनशील विभाग में भी बिजली गुल थी। अत्यन्त गंभीर अवस्था वाले मरीजों को आईसीयू में रखा जाता है। आईसीयू की बिजली गुल होने से कई मरीजों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था।

जिला चिकित्सालय के सूत्रों के मुताबिक अस्पताल में दस जनरेटर रखे हुए है,जो कि इसी प्रकार की विपरित स्थिति में तुरंत विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए है। लेकिन बीते कई सालों से किसी ने भी अस्पताल में जनरेटर चलते हुए नहीं देखे है। बीती रात भी इन जेनरेटर को चालू करने की बजाय आईसीयू के मरीजों को आधी रात में मेडीकल कालेज में शिफ्ट किया गया। 

सवाल ये है कि जब जिला चिकित्सालय में पर्याप्त जेनरेटर मौजूद थे,तो उन्हे तुरंत चालू क्यो नहीं किया गया। अस्पताल के विभिन्न वार्डों की बिजली गुल होने से वहां भर्ती मरीजों को कितनी समस्या का सामना करना पडा होगा,इसकी केवल कल्पना की जा सकती है। आईसीयू में भर्ती मरीजों को मेडीकल कालेज में शिफ्ट करने की वजह से उनमें से कितने मरीजों की स्थिति और गंभीर हुई होगी,यह कोई नहीं जानता।

पुलिस कंट्रोल रुम का फोन भी बन्द

इस तरह की गंभीर आपदा की स्थिति में पुलिस कंट्रोल रुम आपदा की सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए सबसे विश्वसनीय माध्यम माना जाता है। शहर में किसी भी स्थान पर कोई अनहोनी होने की सूचना लोग पुलिस कंट्रोल रुम को देकर सहायता की मांग कर सकते है। लेकिन पुलिस कंट्रोल रुम के लैण्डलाइन नम्बर लम्बे अरसे से बन्द पडे है। कुछ समय पूर्व पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने सभी थानो और कंट्रोल  रुम के लैण्डलाइन फोन चालू करने के निर्देश दिए थे,लेकिन बीती शाम जब कंट्रोल रुम के फोन नम्बरों पर काल की गई,तो दूसरी ओर से यही बताया गया कि उक्त फोन सेवा में नहीं है।

इतना ही नहीं,पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शहर में कहीं नजर नहीं आए। आमतौर पर इस प्रकार की परिस्थिति उत्पन्न होने पर प्रशासनिक अधिकारी शहर का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेते है,लेकिन बीती शाम इस तरह की कोई व्यवस्था नजर नहीं आई।

नहीं दिखे जनप्रतिनिधि भी 

वैसे तो शहर में कई निर्वाचित जनप्रतिनिधि है,जिन्हे इस प्रकार की परिस्थितियों में बाहर निकल कर व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की कोशिशों में जुटना चाहिए। लेकिन बीती शाम प्रशासनिक अधिकारियों की ही तरह जनप्रतिनिधि भी नदारद ही रहे। यही गनीमत रही कि बिजली विभाग के कर्मचारी अपने स्तर पर विजली व्यवस्था सुचारु करने के प्रयासों में जुट गए थे,इसलिए आधी रात तक शहर के कुछ इलाकों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई थी।

समाजसेवियों ने सम्हाला मोर्चा

एक तरफ जहां प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि आपदा के समय नदारद थे,कई समाजसेवी सडक़ों पर उतर कर व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने में जुटे थे। समाजसेवी गोविन्द काकानी ने बिजली विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर जिला चिकित्सालय की विद्युत आपूर्ति बहाल करवाई। इसी तरह उन्होने नगर निगम की टीमों को सडक़ों पर गिरे पेडों की जानकारी देकर कई स्थानों का आवागमन सुचारु करवाया। श्री काकानी आधी रात के बाद  तक व्यवस्थाओं को बहाल करवाने की कोशिशों में जुटे थे।

अब भी गुल है कई इलाकों की बिजली

बीती शाम आई आंधी से उखडे विद्युत खंभों के कारण शहर के कई इलाकों की बिजली शनिवार दोपहर बाद तक गुल है। राजस्व कालोनी,शास्त्री नगर,छत्री पुल,जैसे कई इलाकों में पिछले बीस घण्टों से विद्युत आपूर्ति बन्द है। जिला जेल,डीआरपी लाइन जैसे इलाकों में भी बीती शाम से बिजली नहीं आई है। बिजली विभाग के कर्मचारी विद्युत लाइनों को तो ठीक करने में जुटे हुए है,लेकिन विद्युत मण्डल के टेलीफोन बन्द पडे है। कोई भी नागरिक विद्युत मण्डल के अधिकारियों से सम्पर्क नहीं कर सकता है। विद्युत विभाग के टेलीफोनों की घण्टी बजती रहती है,लेकिन इन्हे कोई उठाता नहंी है। इसी वजह से स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाती है कि बिजली कब तक आएगी।