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Raag Ratlami Jihadi Mentality: बरेली से बजरंग नगर तक जेहादी जाहिल चाहते है बवाल,पोस्टरों से जता रहे है जेहादी जहनियत

 
 

-तुषार कोठारी

रतलाम। यूपी के बरेली में भडकाउ मौलाना और उसके दर्जनों जेहादी जाहिलों को सींखचों के पूछे भेजा जा चुका है। सारा बवाल "आई लव......." वाले एक पोस्टर के नाम पर खडा किया गया था,जिस पोस्टर को लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन भडकाउ मौलाना ने इसी पोस्टर के नाम पर बरेली में बवाल मचा दिया और अब सींखचों के पीछे जा चुका है।

वहां से सैकडों किमी दूर यहां रतलाम के कई इलाकों में भी इसी तरह के पोस्टर अचानक से नजर आने लगे है। शहर के बजरंग नगर,दिलीप नगर और कई सारे इलाकों में इस तरह के पोस्टर दिखाई देने लगे है। इससे पहले कई दशकों तक किसी जालीदार गोल टोपी वाले को पोस्टर लगाकर यह नहीं बताना पडा था कि उसे किससे कितना लव है। लेकिन जैसे ही बरेली में बवाल की खबरें आई,शहर के भी जेहादी जाहिल सक्रिय हो गए और जगह जगह पोस्टर नजर आने लगे।

पोस्टर से किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती,लेकिन सवाल  बरेली की घटना के बाद इस तरह के पोस्टर लगाने के पीछे की जहनियत पर है। जब इससे पहले आज तक किसी को भी इस तरह के पोस्टर लगाने की जरुरत महसूस नहीं हुई थी,तो अब इस वक्त पर पोस्टर लगाने की क्या जरुरत पड गई। उनका मातमी त्यौहार गुजर चुका है और अभी कोई त्यौहार भी नहीं है। इसके बावजूद पोस्टर क्यों लगाए जा रहे है?

इस सवाल का जवाब बेहद खतरनाक है। ये पोस्टर अपनी मोहब्बत जताने के लिए नहीं लगाए गए हैैं,बल्कि इन पोस्टरों को लगाने के पीछे की जहनियत ये है कि शहर में जेहादी जाहिलपन पूरी तरह मौजूद है और आंतकी मानसिकता के लोग यहां भी किसी ना किसी तरह बवाल मचाना चाहते है। मामला सिर्फ चन्द पोस्टरों का नहीं है। शहर में बारावफात के जुलूस में फिलस्तीन का झण्डा लहराया जा रहा हो या सर तन से जुदा के नारे लगाए जा रहे हो। ये सारे इसी बात के इशारे है कि जैसे ही मौका मिलेगा जेहादी जाहिल अपनी जाहिलाना हरकतें कर गुजरेंगे।

चुनौती सभी के लिए है। पहली चुनौती तो खुद उन जालीदार गोल टोपीवालो के लिए है जो अमन पसन्द और वतन परस्त है। जेहादी जाहिलों की हरकतें वतन परस्तों को भी बदनामी के अंधेरे में धकेल देती है। इसलिए पहली जिम्मेदारी भी उनकी है कि वे जेहादी जाहिलों की खिलाफत करें। जेहादी जहनियत रखने वालों को अलग थलग करें ताकि उनकी हरकतों से वतन परस्त अमन पसन्द लोग बदनाम ना हो पाए।

वर्दी वालों के लिए भी बडी चुनौती है। शहर में इस तरह के इशारे आए दिन देखने को मिलते है। फलस्तीन के झण्डे फहराने और सर तन से जुदा के नारे लगाने की जहनियत रखने वालों पर कडी निगाह रखी जाने की जरुरत है। इन्ही में वो लोग है जो आगे चलकर आतंकवादी बनने की राह पर चल पडते है। इस शहर के कुछ लोग आईएसआईएस तक में शामिल होने की चाहत रखा करते थे। अब भी ऐसे तत्व मौजूद है।

चुनौती शहर के बाशिन्दों के लिए भी बडी है। क्योकि जेहादी जाहिलों की हरकतें कभी भी शहर की शान्ति को नजर लगा सकती है। इस वक्त त्यौहारों को मौसम चल रहा है। बीतें सालों में नवरात्रि का पर्व भी जेहादी जाहिलों की जाहिलाना हरकतों का शिकार बन चुका है। फिर से ऐसी नौबत ना आए इसके लिए सभी को सतर्क रहना होगा।

नवरात्रि मेले का झमेला

हर बार की तरह कालिका माता का नवरात्रि मेला कई तरह के झमेलों में फंसा हुआ है। इस बार नवरात्रि दस दिनों की है इसलिए मंचीय कार्यक्रम भी दस दिनों के किए जा रहे हैैं,लेकिन कमाल ये है कि आमंत्रण पत्र में आमंत्रित कलाकारों का कोई उल्लेख नहीं है। आमंत्रण पत्र में केवल सिंगिंग नाइट,डांसिंग नाइट,भजन संध्या लाफ्टर शो आर्केस्ट्रा आदि का उल्लेख है,लेकिन ये नहीं लिखा है कि सिंगिंग नाइट का कलाकार कौन है या डांसिंग नाइट में डांस कौन करेगा? अनूप जलोटा जैसे बडे कलाकार की भजन संध्या से पहले तक किसी को ये जानकारी नहीं थी कि भजन संध्या किसकी है?

असल में ये सारा झमेला कमीशन के चक्कर में होने की बात सामने आ रही है। किस पार्टी से ज्यादा कमीशन मिलेगा,इस मुद्दे को लेकर पेंच आखरी वक्त तक फंसा हुआ था और इसी वजह से आमंत्रण पत्र के छपने तक कलाकारों का मामला तय नहीं हो पाया था। आमंत्रण पत्र छापना जरुरी था,इसलिए केवल कार्यक्रमों का उल्लेख कर दिया गया। ये गनीमत है कि मेले के वाहन स्टैण्ड इस बार निशुल्क कर दिए गए है,वरना मेले में जाने वाले लोग बेचारे वाहन स्टैण्ड वालों की दादागिरी का शिकार होते रहते थे। इस बार लोगों को इस समस्या से जरुर राहत मिल गई है।

बदनामी की साजिश

सोशल मीडीया पर इन दिनों एक नाबालिग बालिका पर दबाव डालकर उसके बयान बदलवाने की कहानी फैलाई जा रही है। असल में सत्रह साल की नाबालिग दूसरे समुदाय के एक युवक के प्यार में पडकर घर से चली गई थी। इसे पुलिस ने बरामद भी कर लिया। अब जब इसे न्यायालय में पेश किया गया तो बालिका के पक्ष के लोगों ने ये कहानी फैलाना शुरु कर दी कि बालिका को बयान बदलवाने के लिए दबाव डाला जा रहा है। पहले तो बाल कल्याण वाले कुछ कर्मचारियों की शिकायत की गई और बाद में एक दाढी रखे मौलानाओं जैसी टोपी लगाने वाले शख्स ने इस बालिका का विडीयो इंटरव्यू बनाकर सोशल मीडीया पर डाल दिया।

पाक्सो एक्ट की जानकारी रखने वालों का कहना है कि किसी नाबालिग बच्चे या बच्ची का इस तरह का विडीयो जारी करना भी पाक्सो एक्ट के तहत प्रतिबन्धित है। बाल कल्याण वालों को बदनाम करने की साजिश में लगे लोगों के लिए उनकी ये हरकत महंगी साबित हो सकती है।