Raag Ratlami Congress Politics :दिल्ली से रतलाम तक एक ही बीमारी से ग्रस्त है पंजा पार्टी,/ वर्दी वालों को मिल रहे है नए नए चैलेंज
-तुषार कोठारी
रतलाम। बीते हफ्ते में सबसे बेहतरीन बात ये हुई कि लम्बे वक्त से गायब चल रही पंजा पार्टी अचानक से नजर आ गई। पंजा पार्टी के नए मालिकों ने शहर भर के खबरचियों को बुलावा भेजा और दर्जन भर नेता एकसाथ मंच पर दिखाई दिए। सियासत पर नजर रखने वालों को लगा था कि शायद अब पंजा पार्टी कोई कमाल कर दिखाएगी। लेकिन जब नेताओं ने खबरचियों के सवालों के जवाब दिए तो ये जवाब सुनकर तमाम खबरची निराश हो गए।
पंजा पार्टी के नेता आए तो थे फूल छाप पार्टी की शहर सरकार की खिलाफत करने। हाल के दिनों में शहर सरकार ने सडक़ों पर चल रही सब्जी मण्डियों को हटाने की शुरुआत की थी। वरना शहर की कई सडक़ें सब्जी मण्डियां बन चुकी थी। शहर के हर इलाके में चलने वाली इन सब्जी मण्डियों की वजह से लोगों का सडक़ों पर चलना तक मुश्किल हो गया था। सब्जी वालों को हटाया गया। सारे के सारे सब्जी बेचने वाले इधर से उधर घूमते रहे,लेकिन उनकी सुनवाई कहीं भी नहीं हुई।
इसी मुद्दे को लेकर पंजा पार्टी के हाल में तैनात हुए नए मुखिया और पंजा पार्टी की यूथ इकाई के मुखिया समेत कई नेता सामने आए। खबरचियों को लगा था कि अब उन्हे जल्दी ही शहर में कोई बडा आन्दोलन देखने को मिलेगा। लेकिन पंजा पार्टी की सारी कवायद खबरचियों और जनता को कोसने वाली ही साबित हुई। जब खबरचियों ने पंजा पार्टी के नेताओं से उनके मुद्दे के बारे में पूछताछ की तो नेताओं ने उलटे खबरचियों पर ही ये जिम्मेदारी डाल दी कि खबरचियों को जनता के मुद्दे उठाना चाहिए।
जब खबरचियों ने पंजा पार्टी से आन्दोलन करने के बारे में पूछा तो नेताओं ने इसकी जिम्मेदारी जनता पर डाल दी। नेताओं ने कहा कि हम जनता के मुद्दे उठाते हैैं लेकिन जनता हमारा साथ नहीं देती। जनता की जिम्मेदारी है कि जब हम उनके मुद्दे उठाते हैैं,तो उन्हे हमारा साथ देना चाहिए। लेकिन जनता अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाती है।
पंजा पार्टी में दिल्ली से लगाकर रतलाम तक यही बीमारी नजर आती है। पंजा पार्टी जब चुनाव हारती है,तो पंजा पार्टी के युवराज जनता को दोषी ठहराते है और फिर वोट चोरी या इïवीएम पर जिम्मेदारी डाल देते है। पंजा पार्टी के कई नेता तो हारने के बाद सीधे सीधे जनता को मूर्ख करार दे देते है कि जनता ने अगर उन्हे वोट नहीं दिया है तो जनता मूर्ख है। युवराज की यही आदत नीचे तक उतर आई है।
ना तो युवराज और ना यहां के लोकल नेता कोई भी इस बारे में विचार नहीं करता कि आखिर ऐसा क्या है,कि जनता उनके साथ आने को तैयार ही नहीं है। ये छोटी सी बात उनकी समझ में नहीं आती कि अगर वे वोटर को ही मूर्ख कहेंगे तो वोटर उनके साथ क्यों आएगा? पंजा पार्टी के नेता बार बार जनता का अपमान करेंगे और फिर उम्मीद करेंगे कि जनता उनका साथ दें। यह कैसे संभव हो सकता है।
कुल मिलाकर,पंजा पार्टी से जनता के मुद्दों पर लडने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को फिर एक बार नाउम्मीद होना पडा है। पंजा पार्टी फिलहाल फूल छाप वालों के खिलाफ बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं करने वाली है। फूल छाप की सरकारें अपनी मनमानी इसी तरह करती रहेगी,लेकिन उस पर अंकुश लगाने के लिए पंजा पार्टी कोई कदम नहीं उठा पाएगी।
वर्दी वालों को बार बार चैलेंज
वर्दी वालों को बार बार चैलेंज मिल रहे है। ये चैलेंज चोरों की तरफ से दिए जा रहे है। वर्दी वाले किसी एक चोर को थामते है,तो चोर दो नए कारनामे कर दिखाते है। ताजा कारनामा तो पूरा का पूरा कैमरे में रेकार्ड भी हो गया। इतना ही नहीं कैमरे में चोरों ने अपनी शकल भी पूरी दिखाई,ताकि चैलेंज और दमदार हो जाए। सैलाना बस स्टैण्ड के रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे किराना दुकान को चोरों ने जब निशाना बनाया तो उन्होने बडे आराम से शटर उचकाया। एक चोर भीतर चला गया और दूसरा बाहर निगाहबीनी करता रहा। दुकान के भीतर भी कैमरा चालू था इसलिए भीतर के सारे नजारे कैमरे में अच्छे से रेकार्ड हो गए। बाहर का कैमरा भी चालू था इसलिए चोर के साथी की भी सारी हरकतें रेकार्ड हो गई। सबकुछ साफ दिखाई दे रहा है।
वर्दी वालों के लिए इससे बडा चैलेंंज क्या होगा कि वे सबकुछ दिखाते हुए चोरी करते है। वारदात को पूरा हफ्ता गुजरने को है,लेकिन वर्दी वालों के हाथ खाली है। कैमरे में नजर आने वाला चोर वर्दी वालों को मुंह चिढाता हुआ नजर आ रहा है। चोरों की ये जोडी अभी भी शहर के किसी हिस्से में किसी नई वारदात को अंजाम देने की फिराक में होगी। सवाल ये है कि वर्दी वाले इस चैलेंज से कब और कैसे निपटेंगे?