{"vars":{"id": "115716:4925"}}

 एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह अंतर्गत पत्रकार वार्ता हुई 

 एंटीबायोटिक का अनावश्यक प्रयोग ना किया जाए - सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर
 
 

रतलाम 24 नवंबर(इ खबर टुडे)। एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह 18 से 24 नवंबर के अंतर्गत आज जिला चिकित्सालय रतलाम में सिविल सर्जन डॉ. एम. एस. सागर की अध्यक्षता में एक प्रेस वार्ता / मीडिया ब्रीफिंग आयोजित की गई। कार्यक्रम में एंटीबायोटिक के दुरुपयोग, दुष्परिणाम और बढ़ते एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस एएमआर के खतरे पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

डॉ. एम. एस. सागर ने बताया कि एंटीबायोटिक का अनुचित, अनावश्यक और अत्यधिक उपयोग आज एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गया है। गलत संक्रमण में दवाओं का उपयोग, स्वयं दवा लेना तथा अधूरा कोर्स छोड़ देना, ये सभी कारण दवाओं के प्रति बैक्टीरिया की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, जिससे उपचार कठिन और जटिल हो जाता है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित थीम “Act Now: Protect Our Present, Secure Our Future” के अनुरूप जिले में विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य चिकित्सकों और आमजन दोनों में दवा उपयोग के प्रति जिम्मेदारी बढ़ाना है।

जिला चिकित्सालय रतलाम की ओर से उठाए गए प्रमुख कदम
प्रेस वार्ता में जानकारी दी गई कि एंटीबायोटिक के ओवरयूज़ को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू की गई है। सभी चिकित्सकों के प्रिस्क्रिप्शनों का नियमित प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट किया जा रहा है। एंटीबायोटिक के अनावश्यक या अनुचित उपयोग के मामलों की पहचान कर तुरंत सुधारात्मक सुझाव दिए जा रहे हैं। ओपीडी एवं आईपीडी दोनों स्तरों पर एंटीबायोटिक स्टेवार्डशिप दिशानिर्देश लागू किए जा रहे हैं। चिकित्सकों को रैशनल यूज़ ऑफ एंटीबायोटिक्स के संबंध में लगातार मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। यह प्रणालीगत प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट जिले में एंटीबायोटिक ओवरप्रिस्क्रिप्शन को नियंत्रित करने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम है।

महत्वपूर्ण तथ्य-लैंसेट रिपोर्ट
मीडिया को अवगत कराया गया कि लैंसेट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 83 प्रतिशत व्यक्ति किसी न किसी रूप में ड्रग रेसिस्टेंस से प्रभावित हैं। यह स्थिति एंटीबायोटिक के गलत उपयोग को नियंत्रित करने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है।

जनजागरूकता के लिए मुख्य संदेश
एंटीबायोटिक केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें। पूरा कोर्स निर्धारित अवधि तक अवश्य पूरा करें। बची हुई दवाइयाँ स्वयं न लें और न दूसरों को दें। वायरल संक्रमण में एंटीबायोटिक का उपयोग न करें।