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Ratlam News: रतलाम में रिंग रोड तैयार हुए हो गया 1 वर्ष का समय, अभी भी नहीं लगे संकेतक

 

Ratlam News: रतलाम में रिंग रोड तैयार हुए करीब 1 साल हो गया लेकिन मांगरोल फंटे पर सिर्फ कट बना दिया। यहां पर किसी तरह के संकेतक नहीं लगाए गए। यही नहीं कट भी व्यवस्थित नहीं बनाया है। सिर्फ जेसीबी से फोरलेन का डिवाइडर तोड़कर कट बना दिया है।ऐसे में स्पीड से वाहन आने पर दुर्घटना का खतरा बना रहता है। जबकि यह शहर का प्रमुख रिंगरोड है और हजारों वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके विभाग लापरवाह बना हुआ है। इस मार्ग से बजाना, झाबुआ, पेटलावद और बांसवाड़ा से वाहन आते और जाते हैं। मांगरोल फंटे पर संकेतक नहीं लगाए गए हैं। इससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। सेजावता और बंजली बायपास की बात की जाए तो वहां महू नीमच रोड पर स्पीड ब्रेकर भी बनाए हैं और संकेतक भी लगाए गए हैं। इस रिंग रोड की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। इस कारण लोग परेशान हैं।

20.57 किमी लंबा है रिंगरोड

मांगरोल फंटे से सैलाना रोड नंदलई तक का यह रिंग रोड 20.57 किलोमीटर लंबा है। यह करीब 20 से ज्यादा गांवों से होकर गुजर रहा है। बाजना-कुशलगढ़ और बाजार क्षेत्र से इंदौर जाने वाले लोग इसी रिंग रोड का उपयोग करते हैं। वहीं इंदौर से आने के दौरान फिर बाजना की तरफ जाने में भी इसी रूट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से मांगरोल फंटे पर अब तक ना संकेतक लगे और ना ही महू नीमच पर स्पीड ब्रेकर बने हैं। अंदर के रिंग रोड की बात की जाए तो उसकी भी यही स्थिति है।

रिंग रोड पर भी संकेतक नहीं लगे

रिंग रोड पर भी संकेतक लगाया जाए ताकि लोगों को पता चल सके। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांत उपाध्यक्ष अनुराग लोखंडे ने बताया कि रिंग रोड बनने से सुविधा हुई है और शहर को भारी वाहनों से निजात मिली है। मांगरोल फंटे पर किसी प्रकार के कोई संकेतक नहीं लगे हैं। इंदौर की तरफ से आने वाले वाहनों को पता ही नहीं चल पाता है कि रिंग रोड आ गया है। कई लोगों को बाजना और झाबुआ जाना होता है। इससे मांगरोल फंटे से थोड़ी दूरी पर सूचना बोर्ड और संकेतक लगने चाहिए।