राजस्थान में रेलवे नेटवर्क होगा और भी सुरक्षित, यात्रियों की सुरक्षा को मिलेगी प्राथमिकता
दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। कई ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से भी दौड़ रही हैं। इसके अलावा जोन में ट्रैक की गति क्षमता बढ़ाने का काम भी अंतिम चरण में चल रहा है। साथ ही रेल दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कवच सुरक्षा प्रणाली भी लगाई जा रही है। सबसे पहले इस सिस्टम से हाई रिस्क जोन माने जाने वाले रेवाड़ी-जयपुर-अजमेर-पालनपुर, अजमेर-चित्तौड़गढ़-उदयपुर और फुलेरा जोधपुर-लूणी-सदमड़ी जैसे व्यस्तरेल रूट पर करीब 1586 किलोमीटर ट्रैक को लैस किया जा रहा है। इसके बाद अन्य रूट पर काम किया जाएगा। कोटा से सवाई माधोपुर के बीच यह सिस्टम पहले ही इंस्टॉल किया जा चुका है।
कवच एक स्वदेशी ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम है। यह एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आने वाली ट्रेनों को रोक देता है। जिससे दुर्घटना होने से बच जाती है। इसके अलावा स्पीड लिमिट क्रॉस होने पर लोको पायलट को अलर्ट करता है। यदि लोको पायलट ध्यान न दे तो यह सिस्टम ऑटोमैटिक ब्रेक लगाकर ट्रेन को नियंत्रित करता है।
लगा रहे जीपीएस टावर
वर्तमान में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और जीपीएस टावर लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा रहा है। दावा किया जा रहा है कि एक से डेढ़ माह में इस प्रोजेक्ट को और रफ्तार मिलेगी। क्योंकि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है