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रेलवे रिजर्वेशन काउंटर से होने वाली तत्काल टिकट बुकिंग में रेलवे ने बदलाव किया , ओटोपी वैरिफिकेशन अनिवार्य

 

रेलवे रिजर्वेशन काउंटर से होने वाली तत्काल टिकट बुकिंग में रेलवे ने बदलाव कर दिया है। अब पैसेंजर्स को काउंटरों से टिकट बनवाने के लिए ओटोपी वैरिफिकेशन अनिवार्य होगा। रेलवे के इस आदेश के बाद अब 5 दिसंबर से इंदौर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस सहित रतलाम मंडल से होकर आने-जाने वाली 5 ट्रेनों में यह व्यवस्था शुरू होगी। दिसंबर अंत तक सभी ट्रेनों में तत्काल टिकट में यही व्यवस्था लागू होगी।

रेलवे पीआरओ खेमराज मीना के अनुसार तत्काल बुकिंग प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता व सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रतलाम रेल मंडल की 5 ट्रेनों में ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आधारित तत्काल टिकटिंग व्यवस्था लागू की जा रही है। इंदौर से चलने वाली इंदौर-मुंबई दुरंतो पहली ट्रेन है, जिसमें यह व्यवस्था लागू होगी। टिकट पीआरएस (यात्री आरक्षण केंद्र) काउंटर अथवा अधिकृत एजेंटों के माध्यम से सिस्टम जनरेटेड ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) वैरिफिकेशन के बाद ही जारी किए जा सकेंगे। इससे पहले ऑनलाइन तत्काल टिकटिंग में जुलाई 2025 आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन जोड़ा गया था। इसके बाद अब काउंटर बुकिंग को भी सुरक्षित बनाया जा रहा है।


यह रहेगी प्रक्रिया : हाई डिमांड में होते हैं तत्काल टिकट, यात्रियों को होगा फायदा

तत्काल टिकट हाई डिमांड होते हैं। इसकी बुकिंग जिस दिन ट्रेन चलनी है, उससे एक दिन पहले सुबह 10 बजे एसी क्लास के लिए और 11 बजे से नॉन एसी क्लास के लिए करवा सकते हैं।

सबसे पहले यात्री को रिजर्वेशन फॉर्म भरकर टिकट काउंटर पर देना होगा। इसमें नाम, ट्रेन नंबर, कहां से कहां तक जाना है, यात्रा की तारीख, क्लास और मोबाइल नंबर लिखना होगा।

काउंटर पर फॉर्म देने के बाद यात्री को एक ओटीपी आएगा। इसे रेलवे कर्मचारी अपने सिस्टम पर दर्ज करेगा। ओटीपी वैरिफिकेशन के बाद पेमेंट होगा और टिकट बनेगा।


इन ट्रेनों में 5 दिसंबर से ओटीपी से होंगे तत्काल टिकट

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मुंबई सेंट्रल-इंदौर दुरंतो एक्सप्रेस

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इंदौर-मुंबई सेंट्रल दुरंतो एक्सप्रेस

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मुंबई सेंट्रल-हिसार दुरंतो एक्सप्रेस

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मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली राजधानी तेजस एक्सप्रेस

12953 मुंबई सेंट्रल-हजरत निजामुद्दीन अगस्त क्रांति राजधानी तेजस एक्सप्रेस


52 ट्रेनों में शुरू किया था नवंबर से

यह सिस्टम जनरल बुकिंग पर चल रहा है। अक्टूबर से इसे शुरू किया था। यह काफी सफल भी रहा। जुलाई 2025 में अॉनलाइन तत्काल के लिए आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन जोड़ा गया। इसके बाद अब काउंटर बुकिंग को भी सुरक्षित बनाया जा रहा है। 17 नवंबर को शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट में 52 ट्रेनों में ओटीपी सिस्टम पायलेट प्रोजेक्ट पर शुरू किया गया। सभी ट्रेनों में यह धीरे-धीरे लागू किया जाएगा।


फायदा

फर्जी बुकिंग पूरी तरह से रुक जाएगी। असली यात्री ही ओटीपी देगा। वही यात्रा करेगा। एजेंट अब फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि अकसर रेलवे के पास शिकायतें आती थीं कि विंडो टिकट ओपन होते ही चंद सेकंड में टिकट खत्म हो गए। रेलवे ने जब बाद में इन शिकायतों की जांच की तो पता चला असली यात्रियों की जगह दूसरे फर्जी नामों से बुकिंग हो रही है।

ट्रेन निरस्त होती है या ट्रेन रीशेड्यूल होती है तो यात्री के पास मैसेज पहुंच जाएगा, जिससे उसे जानकारी मिल जाएगी। अभी ज्यादातर मामलों में एजेंट या अन्य लोगों के मोबाइल नंबर दर्ज होते थे।

परेशानी

बगैर मोबाइल अब तत्काल टिकट बुकिंग नहीं हो सकेगी। सर्वर डाउन या ओटीपी नहीं आया तो टिकट बुक नहीं होगा।

इस प्रक्रिया में समय पहले की तुलना में 2 से 4 मिनट ज्यादा लगेंगे। विंडो पर भीड़ हो सकती है।