प्याज ने निकाले किसानों के आंसू
Neemuch News: मौसम की मार और प्याज की ज्यादा आवक किसानों पर भारी पड़ रही है। दाम नहीं मिलने से उनके आंसू निकल रहे हैं। हालात ये है कि कई किसान मंडी में प्याज फेंककर जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि लागत तो छोड़ो खेत-गांव से मंडी तक लाने का भाड़ा भी नहीं मिल रहा है।
कृषि मंडी में वैसे तो साढ़े 3 से 12 रुपए किलो के बीच प्याज नीलाम हो रहा है। हालांकि व्यापारी कमजोर क्वालिटी बताकर कई ढेर की बोली तक नहीं लगा रहे हैं। ऐसे में किसान जो मिल रहा है, उसी भाव में दे देते हैं या फेंककर चले जाते हैं। मल्हारगढ़ के पिपलिया विश्निया निवासी रमेशचंद्र शर्मा ने बताया 15 क्विंटल से ज्यादा प्याज लेकर आया था।
व्यापारी बोली लगाने को तैयार नहीं थे। मुश्किल से एक रुपए किलो में व्यापारी तैयार हुआ। पहले तो बेचने का मन नहीं हुआ, फिर सोचा यहां तक लाने का 1500 रुपए भाड़ा तो निकल जाएगा। छंटाई के बाद करीब 15 क्विंटल प्याज के 1500 रुपए मिले। घर पर अभी-भी करीब 100 क्विंटल प्याज रखा है। भाव नहीं बढ़े तो उन्हें यहां कैसे लाएंगे। जल्द भाव अच्छे नहीं मिले तो फेंकना पड़ेगा।
पीड़ा... छंटाई के रुपए भी हमें देना पड़े
सिंगोली के धनगांव निवासी रामस्वरूप धाकड़ ने बताया कि 30 क्विंटल से ज्यादा प्याज लाया था। उम्मीद थी कि 1 हजार रुपए क्विंटल के भाव तो मिल जाएंगे, 300 रुपए के भाव ही बिके। 7 हजार रुपए तो हम्माली व किराया भाड़ा ही लग गया। उस पर प्याज की छंटाई के लिए 400 रुपए अलग से देना पड़े, तब व्यापारी ने ने लिए। अब रात तक घर घर पहुंचुंगा। प घर पर अभी-भी 200 बोरी प्याज रखा है, भाव नहीं मिले तो फेंकना पड़ेंगे। कभी बारिश तो कभी गर्मी व उमस के कारण प्याज सड़ने लगते हैं।
भाव में रही नरमी
बुधवार को मंडी में 2325 बोरी की आवक रही, यह मंगलवार के मुकाबले करीब 100 बोरी कम है। बावजूद भाव में तेजी नहीं थी। न्यूनतम भाव 10 रुपए की गिरावट के साथ 325 रुपए क्विंटल और मॉडल भाव 20 रुपए लुढ़ककर 620 रुपए में रहे। जबकि अधिकतम भाव में 21 रुपए क्विंटल की तेजी के साथ 1120 रुपए क्विंटल बिका। व्यापारियों के अनुसार अधिकतम भाव पर कुछ ही ढेर बिकते हैं। ऐसे में यह तेजी मायने नहीं रखती।
25 हजार रुपए प्रति बीघा निवेश कर किसानों ने बुआई की थी। गर्मी के मांग ज्यादा रहती है, ऐसे में उम्मीद थी कि उन्हें अच्छे भाव मिल जाएंगे। बाहरी मांग कमजोर होने व लोकल आवक ज्यादा होने से भाव में ज्यादा तेजी देखने को नहीं मिली। उस पर मौसम की मार ने किसानों को परेशान कर दिया।
प्याज सड़ने की स्थिति में आने लगा तो किसान मजबूरी में मंडी लेकर पहुंचने लगे। मंडी में साढ़े 3 से 12 रुपए किलो के बीच भाव मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को लागत निकालता तो दूर मंडी तक लाने का भाड़ा भी नहीं मिल रहा है। कुछ ढेर तो 1 व 2 रुपए किलो तक बिके लेकिन इनको मंडी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा है। किसान मजबूरी में छोड़कर जा रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार आगे मांग नहीं होने से दिक्कत है।
भाव तो अन्य मंडियों में ऐसे ही हैं, फिर भी नीमच मंडी में किसानों को अन्य मंडियों के मुकाबले अच्छे भाव मिल रहे हैं। जो प्याज सड़ रहे हैं, वही प्याज फेंका जा रहा है। इसमें व्यापारियों का भी प्याज है। उमेश बसेड़िया शर्मा, सचिव कृषि उपज मंडी समिति नीमच