नई तकनीक से नीमच में 7 गुना बढ़ेगी कचरा छंटाई क्षमता
Neemuch News: शहर से रोजाना औसतन 45-50 टन कचरा भोलियावास स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचता है, जबकि 15-20 टन कचरा नालों में जमा हो जाता है या जला दिया जाता है। यहां पर्याप्त संसाधन नहीं होने से छंटाई प्रभावित होती है। अब इंदौर की तर्ज पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए शासन ने 5 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं और नपा से विस्तृत डीपीआर मांगी है। लक्ष्य है कि 2025 के फाइनल सर्वे से पहले निर्माण पूरा हो।
वर्तमान में ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पुरानी मशीन बंद पड़ी है और छोटा एमआरएफ सेंटर बारिश में ढह गया। तेज आंधी और बारिश से कचरा छंटाई का काम डेढ़ महीने से रुका हुआ है, जिससे जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए हैं। नई सुविधा में आधुनिक मशीनें, कचरा बीनने वालों के लिए बैठक व्यवस्था, गीले कचरे से खाद बनाने के लिए कंपोस्टिंग पिट, और प्लास्टिक, कागज, धातु व कांच जैसे अलग-अलग कचरे की श्रेणियों के लिए मशीनें होंगी।
इससे न केवल शहर से लेकर ट्रेंचिंग ग्राउंड तक फैले कचरे से छुटकारा मिलेगा, बल्कि कचरा छंटाई क्षमता 10 टन से बढ़कर 70 टन प्रतिदिन हो जाएगी। डीपीआर तैयार की जा रही है और इसी माह सरकार को सौंपी जाएगी ताकि टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण जल्द शुरू हो सके।