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भादवामाता नवरात्रि मेला शुरू, 3 लाख श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा इंतजाम

 

Neemuch News: मालवा की वैष्णोदेवी महामाया भादवामाता में 22 सितंबर सुबह 10.15 बजे घट स्थापना के साथ 10 दिवसीय नवरात्रि मेला शुरू होगा। पंचायत व मेला प्रबंध समिति ने 3 लाख से अधिक भक्तों के आने की संभावना को देखते हुए तैयारियाँ की हैं। इस बार तीज 2 होने के कारण मेला 10 दिन तक चलेगा। प्रशासन ने सुरक्षा एवं व्यवस्था के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है।

मंदिर परिसर में 25 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और अस्थायी पुलिस सहायता केंद्र भी बनाया गया है। चारों दिशा से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग पार्किंग और प्रवेश व्यवस्था की गई है। बारिश को ध्यान में रखते हुए वाटरप्रूफ शेड बनाए गए हैं।

संध्या आरती और ध्वजा चढ़ाने के साथ ही पूजा की शुरुआत होगी। विधायक, कलेक्टर, एसपी, सरपंच सहित अन्य गणमान्य लोग आरती में शामिल होंगे। मंदिर शिखर पर ध्वजा चढ़ाई जाएगी। 30 सितंबर को महाष्टमी हवन होगा। प्रशासन एवं पंचायत ने परिसर की सफाई, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र, बैरिकेडिंग, सुरक्षा और विद्युत सज्जा का भी इंतजाम किया है।

कीचड़ की समस्या को रोकने के लिए गिट्टी-चूने डाले गए हैं। व्यापारी दुकानें सजाने में लगे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो उप-स्वास्थ्य केंद्र, दो एंबुलेंस और दमकल 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। मेला के दौरान एक अस्थायी पुलिस चौकी, 35 चौकीदार, 50 से अधिक पटवारी, सचिव और सुरक्षा गार्ड तैनात रहेंगे। 15 अतिरिक्त सफाईकर्मी लगाए गए हैं।

पेयजल के लिए 10 से अधिक टैंकर और प्याऊ की व्यवस्था होगी। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए श्रद्धा भवन के हॉल, स्नानागार के सामने वाटरप्रूफ टेंट और नवीन कॉरिडोर में निःशुल्क व्यवस्था की गई है। मंदिर समिति की ओर से भोजन 10 रुपये में उपलब्ध होगा। अग्रवाल मित्र मंडल नीमच और गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज धर्मशाला समिति 20 रुपये में भोजन की व्यवस्था करेंगे।

नीमच, मनासा, सरवानिया और मोरवन सिंगोली से आने वाले वाहनों की पार्किंग मंदिर से 500 मीटर दूर सावन रोड पर रहेगी। टू-व्हीलर के लिए 10 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 20 रुपये शुल्क लगेगा।

30 सितंबर रात्रि 10.30 बजे महाष्टमी हवन शुरू होगा, जिसकी पूर्णाहुति 1 अक्टूबर सुबह 5 बजे होगी। हवन के मुख्य यजमान ग्राम पटेल देवीलाल नागदा होंगे। हवन पंडित चतुर्भुज शास्त्री के नेतृत्व में अन्य पंडितों द्वारा संपन्न किया जाएगा। नवमी के दिन जवारे विसर्जन के साथ मेला समापन होगा। दो दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। पहले दिन मध्य प्रदेश सांस्कृतिक विभाग और सप्तमी के दिन ग्राम पंचायत की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।