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व्यापमा घोटाले मे नाम उछालना षड्यंत्र

 

पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा ने पत्रकारो से कहा

मंदसौर 24 मई(इ खबरटुडे) । प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं मल्हारगढ़ विधायक जगदीश देवड़ा ने बार-बार व्यापम घोटाले में अपना नाम उछाले जाने को राजनीतिक षड़यंत्र बताया है । उन्होंने स्पष्ट कहा है कि एसटीएफ ने आज तक मुझे किसी तरह का नोटिस नहीं दिया है तथा नहीं किसी तरह की पूछताछ की है । यदि एसटीएफ चाहेगी तो मैं हर तरह की जांच व पूछताछ के लिए उपलब्ध हूं । यहां पत्रकारो से चर्चा करते हुए श्री देवड़ा ने कहा कि हर बार जब भी मंत्री मंडल विस्तार की चर्चा होती है तो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वि जबरन मीडिया में व्यापम घोटाले को लेकर मेरा नाम उछालते है । पिछले दिनो मेरे पूर्व ओएसडी राजेन्द्रसिंह गुर्जर को लेकर मुझे घेरे में लेने का प्रयास कर रहे थे । जबकि गुर्जर  ने स्वयं हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में साफ कहा है कि मैं 2011 में कहा है कि परिवहन आरक्षको की भर्ती जुलाई 2012 में हुई थी, जबकि में फरवरी 2011 में ही श्री देवड़ा के यहां से हट चुका था । मुझे मेरे मूल विभाग आदिम जाति अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में भेज दिया गया था ।   इधर वनरक्षक भर्ती भी वर्ष 2013 में हुई थी, इसके बाद भी इस मामले में बार-बार मेरा नाम लिया जा रहा है जो ठीक नहीं है । उल्लेखनीय है कि राजेन्द्रसिंह को वन रक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी बनाया गया था । जिस मामले में उन्होंने गत 21 मई को एसटीएफ के समक्ष सरेंडर किया है, तब से ही यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि राजेन्द्रसिंह ने पूछताछ में श्री देवड़ा का नाम लिया है । यहां यह भी गौरतलब है कि जब-जब मंत्री मंडल विस्तार की चर्चा होती है तब-तब व्यापम का जिन्न बोतल से बाहर निकाल कर  मुझे बदनाम करने का प्रयास करते है।

राजेन्द्रसिंह ने यह दिया था हलफनामा...

राजेन्द्रसिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें बिना सुने वन रक्षक भर्ती के एक आरोपी जो उनके समाज का होकर उनका विरोधी है, के सिर्फ मेमोरेंडम कथन पर किसी को बचाने के लिए उन्हें आरोपी बना दिया  गया। वन रक्षक भर्ती परीक्षा में एसटीएफ ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है । लेकिन तय समय में वे हाजिर नहीं हुए थे। इसलिए उनके खिलाफ एक हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था । राजेन्द्र का कहना है कि मैं 95 वर्षीय पिता के ईलाज में व्यस्त था । इसलिए एसटीएफ के समक्ष पेश नहीं हो पाया था । राजेन्द्र का कहना है कि उनके कुछ रिश्तेदार व्यापमं मामले में लिप्त हैं, इस कारण उन पर शक किया जा रहा है । फरवरी 2011 में देवड़ा के यहां से हट गए थे- राजेन्द्र का कहना है कि परिवहन आरक्षकों की भर्ती जुलाई 2012 में हुई थी और मैं तत्कालिन परिवहन मंत्री श्री देवड़ा के ओएसडी के पद से बाईस माह पहले 10 फरवरी 2011 को हट गया था । इसलिए मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवहन आरक्षक में उनके साले का चयन कैसे हुआ यह साफ हो गया है । इसी आधार पर उनके ससुर को आरोपी बनाया गया है । उन्होंने कहा कि एसटीएफ तीन बार पूछताछ कर चुकी है । राजेन्द्र ने कहा कि मैं हर तरह के सहयोग को तैयार हूं  और जांच में सारे तथ्य उपलब्ध करा दूंगा । उन्होंने कहा जगदीश देवड़ा के यहां से मैं बाईस माह पहले हट चुका हूं । इस कारण उनका नाम घसीटना ठीक नहीं है ।