स्मार्ट चिप कंपनी के चले जाने से डीटीओ पर काम ठहर गया, कर्मचारियों पर दबाव
Mandsaur News: मंदसौर के परिवहन विभाग में पिछले साल 30 सितंबर 2024 को स्मार्ट चिप कंपनी ने अपना काम रोक दिया था और तभी से कार्यालय के कामकाज पर असर दिखने लगा है। पहले जो 11 सदस्यीय टीम थी, वह घटकर चली गई और अब केवल चार स्थायी कर्मचारी ही बचे हैं। मुख्यालय से नया स्टाफ न मिलने के कारण वही कर्मी सभी तरह के कार्य संभाल रहे हैं, जिसके कारण कार्यालय में कामों की लंबी कतारें लग रही हैं।
यहाँ रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल, परमिट जारी करना, वाहन की फिटनेस प्रमाणन, वेरिफिकेशन और नामांतरण जैसे महत्वपूण काम होते हैं, पर इन सभी में लगातार देरी हो रही है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सात प्रमुख कार्यों की पेंडेंसी 2,500 से ऊपर पहुँच चुकी है। आवेदक जब कार्यालय पहुँचे तो अक्सर हेल्प सेंटर, रिकॉर्ड रूम और कम्प्यूटर कक्ष पर ताले लगे मिलते हैं, जिससे उनकी परेशानियाँ बढ़ रही हैं।
कारण यह है कि निजी कंपनी और विभाग के बीच भुगतान तथा शर्तों को लेकर विवाद हुआ था, जिसके चलते कंपनी ने सिस्टम ऑपरेशन बंद कर दिया। तब से रजिस्ट्रेशन कार्ड, लाइसेंस और अन्य दस्तावेज बनाने में रुकावट आई है। मंदसौर जिला कार्यालय में काम कर रहे कंपनी के सात कर्मचारी भी अब उपलब्ध नहीं हैं, जिससे हर कार्य में पहले से दोगुना समय लग रहा है और संचालन बहुत धीमा हो गया है।
प्रभारी डीटीओ ने बताया कि स्वीकृत स्टाफ में कई पद रिक्त हैं और मौजूदा कर्मचारियों से पेंडेंसी घटाने के प्रयास जारी हैं। बावजूद इसके आवेदकों को सेवाएँ लेते समय बार-बार असुविधा का सामना करना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि शुल्क लेने के बावजूद कुछ मामलों में आवेदकों को असली कार्ड न देकर आरसी की पीडीएफ भेज दी जाती है, जिसे उन्हें स्वयं प्रिंट कर रखना पड़ता है।
स्थानीय लोग और वाहन स्वामी मांग कर रहे हैं कि मुख्यालय जल्द से जल्द सहायक स्टाफ भेजे और विवाद का समाधान कर व्यवस्था को सुचारू किया जाए, ताकि जनता को समय पर और पूरी सेवाएँ मिल सकें। स्थानीय प्रदाता और प्रशासन दोनों को मिलकर त्वरित समाधान निकालना होगा ताकि वाहनों के स्वामियों को परेशानी न झेलनी पड़े।