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मंदसौर में वायरल का प्रकोप, जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ और संक्रमण का खतरा

 

Mandsaur News: मंदसौर में मौसम खुलने के बावजूद वायरल का प्रकोप कम नहीं हुआ है। जिले के 500 बेड वाले जिला अस्पताल के सभी वार्ड भर गए हैं। मेडिकल वार्ड में जगह खत्म होने पर गलियारों में बेड लगाए गए हैं। अब हालत यह है कि कुछ वार्डों में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है। बच्चों का वार्ड भी इसी स्थिति में है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। गुरुवार को स्क्रब टाइफस के 11 नए मरीज मिले, जिससे पीड़ितों की संख्या 92 हो गई।

जिला अस्पताल की ओपीडी में सितंबर के पहले 9 दिनों में 10,600 से अधिक मरीज आए। औसतन 1,200 से अधिक मरीज रोजाना इलाज के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा मरीज सर्दी-जुकाम, खांसी और वायरल से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार बच्चे और बुजुर्ग अधिक प्रभावित हैं। कई बच्चों का बुखार पांच दिन तक नहीं उतर रहा है, जबकि बुजुर्गों में कमजोरी और सांस लेने में परेशानी बढ़ी है। सिविल सर्जन का कहना है कि कुछ वार्डों में रिपेयरिंग चल रही है, इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। प्राथमिकता हर मरीज को समय पर इलाज देने की है।

स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रब टाइफस के हालिया मरीजों का सर्वे शुरू कर दिया है। नए मामले शहर के अलावा कई आसपास के गांवों से मिले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार वायरल बुखार और स्क्रब टाइफस एक-दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। मरीजों के बीच कम से कम 3 फीट की दूरी बनाए रखना जरूरी है।

शिशु वार्ड में भी बच्चे परेशान हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि डेंगू और मलेरिया के मामले कम हैं। इस वर्ष अब तक डेंगू के 2 और मलेरिया के 11 केस सामने आए हैं। डेंगू संक्रमण प्रदेश और जिले में कम होने के कारण स्थिति अपेक्षाकृत नियंत्रण में है।

अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं और मरीजों को समय पर इलाज सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं।