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हाई सिक्योरिटी प्लेट की कमी से वाहन सेवाएँ ठहरीं, 65 हज़ार पेंडिंग, समाधान की मांग

 

Mandsaur News: ज़िले में पुराने पंजीकृत चार-पहिया और दो-पहिया वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न लगने से कई प्रकार के अहम प्रशासनिक काम अटके पड़े हैं। 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों की यह लंबित संख्या अब लगभग 65 हज़ार तक पहुँच चुकी है। हाल के वर्षों में कुछ सुधार देखा गया, मगर बहुत से वाहन मालिक अभी भी प्लेट न लगने की वजह से आरसी रिन्यूअल, नामांतरण, फिटनेस और परमिट रिन्यू जैसे जरूरी काम न करवा पा रहे हैं। इस बीच लगभग 35 हज़ार वाहनों में प्लेटें लग चुकी हैं, पर शेष पेंडेंसी बनी हुई है।

शहर में चार-पहिया व दो-पहिया वाहनों के 16 बड़े शोरूम प्लेट लगाने का कार्य कर रहे हैं। कई शोरूम पर मानक उपकरण से प्लेट फिट की जा रही है और आवेदन प्रक्रिया में औसतन 20-25 दिन का समय बताया जा रहा है, पर व्यवहारिक तौर पर प्रतीक्षा लंबी रहती है। कुछ स्थानों पर सुरक्षा मानकों का पालन न करते हुए प्लेट को नट-बोल्ट से कस कर लगाया जा रहा है, जो आने वाले समय में संरक्षण व कानूनी मानकों के लिहाज़ से समस्याग्रस्त हो सकता है। ऐसे कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखने की आवश्यकता है ताकि वाहन मालिकों को बाद में परेशानियों का सामना न करना पड़े।

जिला परिवहन कार्यालय में रहित सहायता केंद्र भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है; सहायता केंद्र बंद होने से वाहन से जुड़े मामलों में मार्गदर्शन उपलब्ध नहीं हो रहा। अधिकारियों का कहना है कि पुराने रजिस्ट्रेशन फाइलों की लगातार समीक्षा कर पेंडेंसी घटाने के निर्देश जारी किए गए हैं और शोरूम संचालकों को भी पेंडिंग निपटाने के लिए कहा गया है। अदालतिक प्रक्रियाओं के कारण पहले भी काम प्रभावित रहा; 2023-24 में कोर्ट के निर्देशों के बाद प्लेट लगाने का कार्य फिर से शुरू हुआ और 2024-25 में बड़ी संख्या में प्लेटें लगाई गईं, फिर भी शेष मामलों का बोझ बरकरार है।

लंबी पेंडेंसी का प्रभाव न सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर है बल्कि वाणिज्यिक गतिविधियों और सड़क सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। चालक आरसी या फिटनेस न होने पर जुर्माने व कानूनी दिक्कतों का सामना कर सकते हैं। इसलिए आवश्यक है कि परिवहन विभाग, शोरूम संचालक और राज्य स्तर के आवेदन केन्द्र मिलकर स्पष्ट टाइमलाइन बनाएं, शोरूमों में मानक उपकरण सुनिश्चित करें और सहायता केंद्र को तुरंत सक्रिय कर पूरे पंजीकरण तंत्र को सुचारू बनायें। अनुरोध है कि विभाग एक स्पष्ट समयसीमा जारी करे, शोरूम मानक लागू कर मासिक समीक्षा के माध्यम से छह माह में अधिकांश लंबित मामलों का निस्तारण सुनिश्चित करे। तत्काल कार्रवाई।