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शिवना ब्रिज का काम फिर ठप, भुगतान और बिजली खंभों की अड़चन से परियोजना रुकी

 

Mandsaur News: शिवना ब्रिज का काम एक बार फिर रुक गया है। 5 करोड़ रुपए से अधिक के बकाया भुगतान के कारण ठेकेदार ने साइट से मशीनरी और अधिकतर मजदूर हटा लिए हैं। फिलहाल केवल 2-4 मजदूर फिनिशिंग के काम के लिये मौजूद हैं। एक महीने पहले एप्रोच रोड की प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद काम अच्छी रफ्तार पकड़ रहा था, परन्तु अब फिर से वित्तीय तंगी और जिम्मेदारों की सुस्ती ने परियोजना को प्रभावित कर दिया है।

सेतु विकास विभाग ने पहले कहा था कि काम रोकने की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन महज एक महीने में परिस्थितियाँ बदल गईं। ठेकेदार ने बताया है कि यदि भुगतान समय पर मिल गया और नगर पालिका बिजली के खंभों को शिफ्ट कर दे तो काम मार्च तक पूरा कर दिया जाएगा। दूसरी ओर नगर पालिका ने अभी तक बिजली के खंभे हटाने या स्थानांतरण का निर्णय नहीं लिया है, जो परियोजना के समन्वय में बड़ी बाधा बन रहा है। इसी वजह से ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही और शहर के ट्रैफिक में सुधार का काम लंबित रहने की आशंका है।

यह ब्रिज 2018 में शुरू हुआ था और तब इसकी अनुमानित लागत 12 करोड़ थी, पर डिजाइन, स्वीकृति व देरी के कारण लागत बढ़कर लगभग 32 करोड़ पहुंच चुकी है। भराव का काम लगभग एक साल पहले पूरा हो चुका था, पर एप्रोच रोड से जुड़ी प्रशासनिक फाइलों में देरी के कारण सड़क बनना स्थगित रहा। स्वीकृति मिलने के बाद मानसून में काम शुरू हुआ, पर वित्तीय संकट ने प्रगति को रोक दिया।

परियोजना 245 मीटर लंबी तथा 12 मीटर चौड़ी है और दोनों ओर कुल 460 मीटर के एप्रोच बनकर यह शहर के यातायात को काफी हद तक सुगम कर सकती है। अधिकारी यह कहते रहे हैं कि वरिष्ठ स्तर पर बकाया भुगतान के संबंध में संज्ञान लिया गया है और जल्द ही समाधान निकालने का आश्वासन दिया गया है। फिलहाल साइट पर कुछ मजदूर काम कर रहे हैं, पर परियोजना की समयसीमा अनिश्चित बनी हुई है। स्थानीय लोगों में इसे लेकर रोष और चिंता व्याप्त है।