Mandsaur News: पांच रुपए में स्थायी बिजली कनेक्शन का वादा... लेकिन किसानों को खर्च करने पड़ रहे हजारों रुपए खंभे लगाने से केबल खींचने तक
Mandsaur News: मध्यप्रदेश में 2 मार्च 2025 को किसान आभार सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने किसानों को सिर्फ 5 रुपये में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन देने की घोषणा की तो यह वादा सुनते ही हजारों किसानों को उम्मीद की किरण नजर आई। महंगे स्थायी कनेक्शन से छुटकारा पाने किसानों ने बिजली कंपनियों के दफ्तरों की ओर रुख किया तो जमीनी हकीकत कुछ और ही मिली।
जहां मुरैना श्योपुर में कनेक्शन की संख्या सैकड़ा के आंकड़े को भी नहीं छू पाई। वहीं खंडवा में तो एक भी किसान ने आवेदन ही नहीं किया। मध्ययादेश में बिजली वितरण का जिम्मा पूर्व,पश्चिम और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों पर है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 5 रुपये में करीब 10 हजार स्थायी कनेक्शन दिये हैं। कई जिले पूरी तरह 'नो एंट्री' जोन बन गए आंकड़ों के हिसाब से देखें तो कुछ जिलों में तो इस योजना के तहत एक भी आवेदन तक नहीं आया।
खंडवा जिला इसका बड़ा उदाहरण है, जहां किसी भी किसान ने ₹5 कनेक्शन के लिए न तो फॉर्म भरा, न ही आवेदन किया। मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, झाबुआ जैसे जिलों के बिजली अधिकारियों ने माना कि उन्हें स्कीम को लेकर अब तक कोई विस्तृत निर्देश नहीं मिले हैं। सब गाइडलाइन के इंतजार में हैं।
जहां स्कीम पहुंची भी, वहां भी आंकड़े मायूस कर देने वाले कुछ जिलों में योजना का आंशिक क्रियान्वयन जरुर हुआ है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि यह नाममात्र का है। इन जिलों में मुरैना, श्योपुर, भिंड, दतिया, बैतूल और हरदा जैसे जिले शामिल हैं। वहीं सीहोर में 1000, राजगढ़ में 1280, विदिशा में 1800, अशोकनगर में 2000 और रायसेन में 2366 कनेक्शन दिये गए हैं। इनके जिलों में अपेक्षाकृत बेहतर आंकड़े आंकड़े जरूर जरूर है हैं, लेकिन ये भी पूरी मांग की तुलना में बेहद कम हैं। दें कि प्रदेश में करीब 15 लाख से अधिक बता अधिक कृषि के अस्थायी कनेक्शन है।
5 रुपए का कनेक्शन हजारों में कैसे बदल रहा?
किसान बताते हैं स्कीम का नाम तो 5 रुपये का है, लेकिन जब जमीन पर इसका अमल होता है तो पोल खड़ा करने और लाइन बिछाने में हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। खेत तक लाइन और पोल यानी खंबे का खर्चा किसानों को वहन करना होता है, जो प्रति पोल 10 से 15 हजार रुपये तक बैठता है। कुल मिलाकर किसान को अपने खेत तक लाइन खेचने में ही 30 हजार से लेकर 1 लाख तक का खर्च लग जाता है।
5 रु. में कनेक्शन, असल में है ईएमआई मॉडल
किसानों को मिलने वाला 5 रुपये में स्थायी कृषि बिजली कनेक्शन दरअसल एक तरह की फौरी राहत है, पूरी छूट नहीं। पहले इस तरह के कनेक्शन के लिए किसानों को प्रति हार्स पावर करीब 1200 रुपये जमा करने होते थे। मसलन, अगर कोई किसान 5 एचपी का पंप लगवाता है, तो उसे 6000 रुपये एडवांस देने पड़ते थे। पर अब यह राशि एडवांस देने की बजाय किस्तों में वसूली जाएगी शुरुआत में किसान को सिर्फ 5 रुपये में कनेक्शन मिलेगा।