Mandsaur News:खिलाड़ियों ने जीते 50 इंटरनेशनल मेडल, 29 साल से फ्री मार्शल आर्ट सिखा रही संस्था
Mandsaur News: शहर की मार्शल आर्ट संस्था 29 सालों से बच्चों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रही है। ताकि बच्चे न सिर्फ अपनी आत्मरक्षा में पारंगत हों बल्कि विभिन्न विधाओं के माध्यम से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा भी ले सकें। संस्था से सीखे बच्चों ने अब तक 50 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। 30 हजार बच्चे कराते, जुड़ो सहित विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण ले चुके हैं। कुशल प्रशिक्षकों की मौजूदगी में बच्चे अभ्यास भी करते हैं। इससे उनकी शैली व कला में सुधार भी आता है। संस्था के माध्यम से कई जरूरतमंद बच्चे आगे भी बढ़े हैं।
मिक्स मार्शल आर्ट एसोसिएशन के कोच, संयोजक व अध्यक्ष गगन कुरील ने बताया कि बच्चों में कराते ताइक्वांडो और जूडो से आत्मविश्वास, अनुशासन और आत्मरक्षा की क्षमता बढ़ती है। यह प्रशिक्षण खासतौर पर उन बच्चों के लिए फायदेमंद होते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और फीस नहीं दे सकते। संस्था अलग-अलग क्षेत्रों में शिविर लगाकर भी बच्चों को आमंत्रित करती है। संस्था के प्रयास और बच्चों की मेहनत के चलते ही मार्शल आर्ट की विधाओं कुंगफू, जूडो कराते, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग में मंदसौर इंटरनेशनल लेवल पर छाप छोड़ रहा है। मंदसौर में इंडो-नेपाल नाम से इंटरनेशनल स्पर्धा भी हो चुकी है। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया व ओलिंपिक एसोसिएशन से संबद्ध ऑल इंडिया कराते फेडरेशन (एआईकेएफ) की मंदसौर शाखा मार्शल आर्ट में प्रदेश का नेतृत्व करती है।
10 से ज्यादा सरकारी नौकरी में, बच्चियां 40 फीसदी आत्मरक्षा से शुरू हुआ ये अभियान सरकारी नौकरी तक पहुंच जाता है। संस्था प्रमुख कुरील के अनुसार 10 से ज्यादा खिलाड़ी खेल कोटे से शासकीय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं सैकड़ों युवा पीटीआई व निजी क्षेत्रों में प्रशिक्षक बनकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। मार्शल आर्ट प्रशिक्षुओं में 40 से ज्यादा फीसदी बालिकाएं हैं। जो पूरे जोश के साथ विभिन्न विधाओं में निपूर्ण हो रही है।
न सिर्फ देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदसौर का नाम
कुरील बताते हैं कि हमारे खिलाड़ी जब दुनिया के खिलाड़ियों के सामने खेलते व जीतते हैं तो अच्छा लगता है। मंदसौर का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर लिया जाता है। देश में भी कुछ अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं हुई हैं। इनमें मंदसौर के खिलाड़ियों ने प्रतिद्वंद्वियों को चारों खाने चित्त किया है। इंटरनेशनल स्तर पर 50 से ज्यादा खिलाड़ी खेल चुके हैं। इन खिलाड़ियों ने 50 से ज्यादा मेडल देश के लिए जीते। नेशनल स्तर पर 300 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इनमें से लगभग 275 मेडल जीते गए। स्टेट लेवल पर 2000 से ज्यादा खिलाड़ी मैदान में उतरे। इन खिलाड़ियों ने करीब 1800 मेडल अपने नाम किए। खिलाड़ियों की यह सफलता प्रशिक्षण और मेहनत का नतीजा है। बड़ी संख्या में बच्चों को खेलों से जोड़ने का असर अब मैदान में दिख रहा है।