Mandsaur News: दोस्ती की अनूठी मिसाल... मित्र को बैंड बाजे के साथ नाचते हुए दोस्त को दी अंतिम विदाई
Mandsaur News: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में एक दोस्त ने दोस्ती की अनूठी मिसाल पेश की है। जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर गांव जवासिया में बुधवार की सुबह बैंड-बाजे बज रहे थे और एक दोस्त अंतिम की यात्रा में अर्थी के आगे दूसरा दोस्त नाच रहा था।
4 साल पहले पीड़ित सोहनलाल जैन ने अपने दोस्त अंबालाल प्रजापत को कि मेरे जाने पर रोना मत, मेरी अर्थी के आगे नाचना। जब वह वक्त आया तो अंबालाल ने दोस्ती निभाई और सोहनलाल की अंतिम यात्रा में नाचे।
कैंसर से पीड़ित 71 वर्षीय जैन का 29 जुलाई को निधन हो गया। 30 जुलाई यानी बुधवार को उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। यात्रा शुरू होते ही उनके मित्र प्रजापत ने नाचना शुरू कर दिया। पूरे गांव ने प्रजापत को नाचने से मना किया लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और बोले कि यह उनके दोस्त की अंतिम इच्छा थी। इस दौरान प्रजापत की आंख से एक आंसू भी नहीं टपका। प्रजापत ने बताया कि मन में पीड़ा तो है लेकिन मैं बता नहीं सकता।
सोहनलाल को रोज दुकान पर चाय पिलाते थे अंबालाल
अंबालाल ने बताया कि सोहनलाल 20 साल पहले जिले के ही गांव सिहोर से जवासिया आए थे। यहां दुकान खोली थी। तब मैं रोज उन्हें घर की चाय पिलाता था। यह दोस्ती अपार स्नेह में बदल गई। हम रोज 2 से 3 बार मिलते थे और बातें करते थे। 10 साल से हम सुबह 5 बजे गांव में प्रभात फेरी निकाल
रहे हैं।
यार के नाम लिखा था खत, पढ़िए प्रमुख अंश
मित्र अंबालाल प्रजापत को सोहनलाल जैन का अंतिम बार राम-राम मालूम हो...मैं कागज लिखकर दे रहा हूं कि जब मैं इस दुनियां में न रहूं तब तुम मेरी अंतिम यात्रा में शामिल होकर मेरी अर्थी के आगे नाचते हुए मुझे विदा करना। रोना धोना मत करना। सब कुछ खुशी-खुशी होना चाहिए। मुझसे जाने-अंजाने में गलती हुई हो तो क्षमा करना। सोहनलाल ने कैंसर का पता लगते ही 9 जनवरी 2021 को अपने दोस्त के नाम खत लिख दिया था।